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जिंदगी और मौत से जूझ रही सात हफ्ते की बच्ची, अस्पताल ने थमाया 7 लाख का बिल

गंगाराम अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही एक मासूम बच्ची के इलाज के लिए अपना माता-पिता ने सबकुछ बेच दिया।

Updated on: 22 Jan 2018, 09:26 AM

नई दिल्ली:

इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने और अस्पतालों द्वारा मनमानी करने के मामले थमने के बजाए बढ़ते जा रहे है।

पिछले महीने गुरुग्राम के प्राइवेट अस्पताल में इलाज के नाम पर 15 लाख का भारी-भरकम बिल वसूलने के बाद भी जान खो देने वाली सात सात की बच्ची की मौत ने मेडिकल व्यवस्था की पोल खोल दी थी।

दिल्ली में ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। सर गंगाराम अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही सात महीने की मासूम बच्ची अलवीना खान के इलाज के लिए अपना माता-पिता ने सबकुछ बेच दिया। बच्ची के मां तरन्नुम खान और पिता शाह नसीब खान का कहना है कि न कोई इलाज हुआ है और न ही कोई सर्जरी।

अस्पताल ने 15 दिनों का 7.5 लाख का बिल थमा दिया जिसमे से परिवार 1.60 लाख दे चुका है और 6 लाख अभी चुकाने बाकी है।

टीका लगने के बाद बच्ची की तबियत और बिगड़ गई थी। डॉक्टर का कहना है कि बस दुआ कीजिये....।

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यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी डेंगू से जूझ रही सात साल की मासूम आद्या ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। अपनी बच्ची को खोने के गम में डूबे माता-पिता पर एक और पहाड़ टूटा जब अस्पताल ने उन्हें 16 लाख का का बिल थमा दिया।

14 सितंबर को परिवार ने मेडिकल सलाह के खिलाफ जाकर बच्ची को अस्पताल से ले जाने का फैसला लिया और उसी दिन बच्ची की मौत हो गई।

आद्या के माता-पिता ने आरोप लगाया था कि अस्पताल ने उनकी बेटी को इलाज के दौरान प्रतिक्रियाहीन रहने पर भी तीन दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा।

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