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अखबार में खाना खाने से होती हैं ये खतरनाक बीमारियां

अखबार में इस्तेमाल की जाने वाली स्याही में खतरनाक रसायन जैसे डाई, एल्कॉहल, पिगमेन्ट्स, प्रीजरवेटिव आदि होते हैं, जो पाचन की समस्याओं, खाद्य विषाक्तता, उच्च रक्तचाप, गुर्दा रोगों और यहां तक कि कैंसर का कारण भी बन सकते हैं.

Updated on: 25 Oct 2018, 09:46 PM

मुंबई:

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने हाल ही में एक एडवाइजरी जारी कर अखबार में लपेटे गऐ खाद्य पदार्थों के सेवन को सेहत के लिए खतरनाक बताया है. लोगों को इस बारे में जागरूक करने के लिए बीमा कंपनी रेलीगेयर हेल्थ इंश्योरेन्स ने 'डोंट ईट द न्यूज' अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान के तहत कंपनी ने गलियों में खाद्य पदार्थ बेचने वाले विक्रेताओं को सादे पेपर बांटे. इस मौके पर आम जनता के सवालों को हल करने के लिए एक हेल्पलाइन भी लॉन्च की गई है.

'डोंट ईट द न्यूज' अभियान की शुरुआत के दो सप्ताह के भीतर ही पांच लाख से अधिक सादे पेपर वितरित किया जा चुके हैं.

अखबार में इस्तेमाल की जाने वाली स्याही में खतरनाक रसायन जैसे डाई, एल्कॉहल, पिगमेन्ट्स, प्रीजरवेटिव आदि होते हैं, जो पाचन की समस्याओं, खाद्य विषाक्तता, उच्च रक्तचाप, गुर्दा रोगों और यहां तक कि कैंसर का कारण भी बन सकते हैं. बच्चों और बुजुर्गों में इसके खतरनाक प्रभाव की संभावना अधिक होती है, क्योंकि उनकी बीमारियों से लड़ने की ताकत कम होती है.

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रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेन्स लिमिटेड के हेड ऑफ मार्केटिंग परितोष कटारिया ने कहा, 'भारत में छोटे रेस्तरां, गलियों में खाद्य पदार्थ बेचने वाले विक्रेता खाद्य पदार्थों की पैकिंग के लिए अखबार का बहुत अधिक इस्तेमाल करते हैं, यहां तक कि घरों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में हमने महसूस किया कि लोगों को अखबार के घातक प्रभावों के बारे में जागरूक बनाना जरूरी है. इसीलिए हमने यह पहल शुरू की है ताकि गलियों में खाद्य पदार्थ बेचने वाले विक्रेता अखबार की जगह सादे कागज का इस्तेमाल करें.'