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यूपी से दिल्ली तक योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, सीएम ने कहा विपक्ष फैला रहा 'अराजकता'

उत्तर प्रदेश में दलितों पर बढ़ते अपराध और राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब हालत को लेकर योगी सरकार बैकफुट पर नजर आई।

Updated on: 22 May 2017, 07:35 AM

highlights

  • उत्तर प्रदेश में दलितों पर बढ़ते अपराध और राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब हालत को लेकर बैकफुट पर योगी सरकार
  • सहारनपुर हिंसा के खिलाफ जहां दलितों ने जंतर-मंतर पर योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया वहीं मुरादाबाद में उन्हें काले झंडे दिखाए गए

New Delhi:

उत्तर प्रदेश में दलितों पर बढ़ते अपराध और राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब हालत को लेकर योगी सरकार बैकफुट पर नजर आई।

सहारनपुर में दलितों के खिलाफ हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने के मामले में जहां दिल्ली में भीम आर्मी सड़कों पर उतर आई तो वहीं मुरादाबाद में योगी आदित्यनाथ को काले झंडे दिखाते हुए 'योगी वापस जाओ के नारे लगाए गए।'

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ठाकुरों की तरफ से दलितों का घर जलाए जाने और हिंसा के खिलाफ चंद्रशेखर आजाद रावण के नेतृत्व में भीम आर्मी ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने और दलितों के खिलाफ दर्ज झूठे मामले को वापस लिए जाने की मांग रखी।

रैली को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि अगली 23 तारीख को पूरा दलित समाज सहारनपुर के दोषियों को जेल में बंद करने के लिए देशव्यापी आंदोलन करेगा।

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चंद्रशेखर ने कहा कि यदि दलित समाज की शर्त को नहीं माना गया तो देशव्यापी स्तर पर दलित हिंदू धर्म को त्यागकर बौद्ध धर्म अपना लेंगे। 

कानून व्यवस्था को सुधारे जाने के वादे के साथ सत्ता में आई योगी सरकार के दो महीनों के कार्यकाल में राज्य में अपराध के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। थाने के सामने हत्या, पति के सामने पत्नी का बलात्कार किए जाने जैसे मामले को देखते हुए राज्य में अपराधियों के बेखौफ होने का अंदाजा लगाया जा सकता है।

इसके अलावा मैनपुरी में दबंगों द्वारा दलितों की पिटाई, संभल में दो समुदायों के बीच हुई झड़प के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोंगो का गांव से पलायन और सहारनपुर में दलितों के खिलाफ हुई दबंगई ने दो महीने के योगी सरकार के कार्यकाल के उपर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दलितों के खिलाफ अपराध में यूपी अव्वल

दलितों के खिलाफ होने वाले अपराध को लेकर उत्तर प्रदेश हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक 2015 में देश में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में दलितों पर हुए अत्याचार के मामले दर्ज किए गए। उत्तर प्रदेश में कुल 8,358 मामले दर्ज किए गए जो देश में दर्ज किए गए मामलों का 18.6 फीसदी था।

विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में अपराध और कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए अखिलेश सरकार को निशाना बनाया था, और लोगों ने उनके इस वादे पर भरोसा करते हुए बीजेपी को उम्मीद से अधिक बहुमत दिया।

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यूपी में कानून-व्यवस्था कितना बड़ा मुद्दा था, इसका अंदाजा बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह के उस बयान से लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सपा सरकार के पूर्व मंत्री और बलात्कार आरोपी गायत्री प्रजापति को 24 घंटे के भीतर पकड़ने का वादा किया था। बलात्कार के आरोपी प्रजापति उन दिनों फरार चल रहे थे।

हालांकि सरकार बनने के बाद से प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं और वह पुलिस पर भारी पड़ रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश भर में अचानक से पैदा हुए हिंदू संगठन भी मौजूदा सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं।

योगी कई बार ऐसे कार्यकर्ताओं और संगठनों को चेतावनी भी दे चुके हैं, लेकिन उनकी अपील बेकार जाती दिखाई दे रही है।

विरोध से बौखलाए योगी आदित्यनाथ

कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे योगी उल्टे विपक्ष पर ही बरसते नजर आए। योगी ने विपक्षी दलों पर राज्य के कुछ इलाकों में अराजकता जैसी स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कानून को अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुरादाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं किसानों, व्यावसायिकों या बेटियों को परेशान करने नहीं दूंगा।'

मथुरा में एक सर्राफा व्यापारी की दिन दहाड़े हुई हत्या के बाद योगी सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी है। योगी ने कहा कि राज्य में 'कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन कुछ जगहों पर विपक्ष अराजकता फैला रहा है।'

हालांकि सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा, बुलंदशहर, संभल और गोंडा में हुई सांप्रदायिक हिंसा और राज्य के कारोबारी इलाकों में हत्या और लूटपाट की घटनाएं बताती है कि योगी सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था की चुनौती को संभालने में अब तक विफल रही है।

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