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जेटली ने ओलांद के दावे पर उठाए सवाल, कहा- नहीं हुई थी कोई साझेदारी

रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने हालांकि कहा है कि ऑफसेट साझेदार चुनने में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं है, जेटली ने सोशल मीडिया पर फिर से अपने दावे दोहराए और ओलांद की विरोधाभाषी टिप्पणी का जिक्र किया.

Updated on: 23 Sep 2018, 06:21 PM

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद राफेल सौदे पर विरोधाभासी बयान दे रहे हैं. जेटली ने रविवार को फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि ओलांद ने अब कहा है कि न तो भारत और न ही फ्रांस सरकार की दसॉल्ट द्वारा रिलायंस को भागीदार के रूप में चुनने में कोई भूमिका थी. बता दें कि राफेल सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान के बाद भारी राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था. ओलांद ने कहा था कि राफेल लड़ाकू जेट निर्माता कंपनी दसॉल्ट ने आफसेट भागीदार के रूप में अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को इसलिये चुना क्योंकि भारत सरकार ऐसा चाहती थी.

हालांकि, फ्रांस सरकार और दसॉल्ट एविएशन ने पूर्व राष्ट्रपति के बयान को गलत ठहराया था.

जेटली ने कहा, 'फ्रांस सरकार ने कहा है कि दसॉल्ट एविएशन के आफसेट करार पर फैसला कंपनी ने किया है और इसमें सरकार की भूमिका नहीं है.'

जेटली ने कहा कि दसॉल्ट खुद कह रही है कि उसने आफसेट करार के संदर्भ में कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ अनेक करार किया है और यह उसका खुद का फैसला है.

जेटली ने एक ब्लॉगपोस्ट में लिखा, 'ओलांद' की टिप्पणी के आधार पर विवाद खड़ा किया जा रहा है कि दसॉ एविएशन के साथ रिलायंस डिफेंस की साझेदारी भारत सरकार के सुझाव पर की गई.

उन्होंने कहा, 'अपने बयान में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार के साथ की गई साझेदारी के बाद रिलायंस डिफेंस उभरकर सामने आया. उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि सरकार ने कभी रिलायंस डिफेंस के लिए लॉबी की है और साझेदार उनके द्वारा चुने गए हैं. झूठ के दो रूप नहीं हो सकते.'

जेटली ने यह भी कहा कि फ्रांसीसी सरकार और दसॉ एविएशन (राफेल जेट की निर्माता) ने ओलांद की पहली टिप्पणी से साफ किनारा कर लिया.

उन्होंने कहा कि फ्रांस की सरकार ने बयान दिया है कि दसॉ एविएशन के ऑफसेट सौदे के मामले में फसैला कंपनी द्वारा लिया गया न कि सरकार द्वारा. दसॉ एविएशन ने भी कहा है कि ऑफसेट सौदे के संदर्भ में पूरा फैसला उसके द्वारा ही लिया गया है.

जेटली ने कहा, 'ओलांद द्वारा की गई टिप्पणी पर सवाल उठाए जा सकते हैं लेकिन परिस्थितियां कभी झूठ नहीं बोलतीं.'

वित्तमंत्री ने दावे के साथ कहा कि यह दो देशों की सरकार के बीच का समझौता है. उन्होंने कहा, 'किसी के द्वारा यह कहना गलत है कि 36 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति को लेकर पार्टनरशिप की गई थी.'

एक मीडिया रिपोर्ट का जिक्र करते हुए, जिसमें कि ओलांद ने कहा है कि फ्रांस ने रिलायंस को नहीं चुना जेटली ने कहा कि कनाडा के मॉन्ट्रियल में एएफपी को दिया उनका दूसरा बयान उनके पहले बयान पर सवाल उठाता है.

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जेटली ने सवालिया लहजे में कहा कि राहुल गांधी ने बेतुका बयान दिया है कि भारतीय सैनिकों के हितों के साथ समझौता किया गया है. आखिर किसके द्वारा किया गया है? संयुक्त प्रगतशिील गठंबधन (यूपीए) सरकार ने इस सौदे में देरी की थी.