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केजरीवाल सरकार के वकील बनने पर पी चिदंबरम पर भड़के संदीप दीक्षित

पूर्व गृहमंत्री पी चिंदबरम के एक मामले में केजरीवाल सरकार के वकील बनने के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने उनपर निशाना साधा है।

Updated on: 04 Nov 2017, 10:49 AM

नई दिल्ली:

पूर्व गृहमंत्री पी चिंदबरम के एक मामले में केजरीवाल सरकार के वकील बनने के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने उनपर निशाना साधा है। फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर कर दिल्ली के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता चिंदबरम के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है।

संदीप दीक्षित ने चिदंबरम के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूछा, जब चिंदबरम सरकार में थे तो केजरवील से उनका छत्तीस का आंकड़ा था तो अब सगे कैसे हो गए ?

किस मामले में दिल्ली सरकार के वकील बने हैं चिंदबरम

दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट के उस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें कोर्ट ने कहा था कि उपराज्यपाल (LG) के पास राज्य सरकार से अधिक अधिकार है।
हाई कोर्ट ने फैसले में कहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली के मुखिया हैं और सरकार के हर फैसले में उनकी मंजूरी जरूरी है। अगर ऐसा है तो फिर मंत्रिपरिषद की सलाह का क्या मतलब रह गया।

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चिदम्बरम उन नौ वकीलों में से एक होंगे, जो पांच जज वाली संविधान पीठ के सामने दिल्ली सरकार का पक्ष रखेंगे।चिंदबरम ने एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए कहा, 'मुझे नहीं लगता, संविधान में LG को सुप्रीम शक्ति बनाया गया है, और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार कतई शक्तिहीन इकाई है।'

बता दें कि गुरुवार को दिल्ली में शासन संचालन का अधिकार किसके पास है? LG के पास या निर्वाचित राज्य सरकार के पास? इन सवालों पर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनवाई शुरू की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रावधान के मुताबिक उपराज्यपाल को संविधान ने प्रमुखता दी है। दिल्ली सरकार को कोई भी निर्णय लेने के लिए उपराज्यपाल की सहमति लेनी होगी। बतौर केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली सरकार के अधिकारों की संविधान में व्याख्या की गई है और उसकी सीमाएं तय हैं।

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