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GST को मिली संसद की मंज़ूरी, मनमोहन ने कहा गेम चेंजर, जेटली ने जताया आभार

राज्यसभा में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) बिल और सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (सीजीएसटी) बिल बिना किसी संशोधन के हुआ पास।

Updated on: 20 Jun 2017, 11:18 PM

नई दिल्ली:

राज्यसभा में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) बिल और सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (सीजीएसटी) बिल बिना किसी संशोधन के पास हो गया। बिल के पास होने पर राज्यसभा को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'मुझे यह कहते हुए बिल्कुल भी हिचक नही है कि इस बिल के पास होने मे सिर्फ़ एक सरकार का हाथ नहीं है।'

इस बिल को पारित कराने में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने संशोधनों को लेकर पार्टी नेताओं को समझाया भी। जयराम रमेश को चर्चा के दौरान सलाह भी दी।

बिल पारित होने के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके पास जाकर उनसे हाथ भी मिलाया। मनमोहन सिंह ने बिल पारित होने पर उन्हें बधाई भी दी।    

केंद्र सरकार केसाथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने भी इस कदम को ऐतिहासिक बताया। मनमोहन सिंह ने कहा कि आर्थिक सुधार की दिशा में ये एक बेहतरीन कदम है।

राज्यसभा में बिल पास होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि 1 जुलाई से देशभर में GST कानून लागू हो जाएगा और इसके लागू होने से आम आदमी पर टैक्स का बोझ भी कम होगा।

साथ ही उन्होंने इस बिल के पास होने पर खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, 'GST को बनाने से लेकर इसके पास होने तक सभी पूर्व सफल सरकारों और राज्य सरकारों का भी हाथ है, मैं इन सबके लिए उन सभी सरकारों को धन्यवाद दे रहा हूं।

 

यह बिल मनी बिल के रुप में पेश किया गया था, मनी बिल होने के नाते राज्यसभा में संशोधन अगर पारित भी हो जाते तो दोबारा सरकार बिल को लोकसभा में लाकर इन संशोधन को खारिज करा सकती थी।

गौरतलब है कि 29 मार्च को जीएसटी बिल लोकसभा से पास हो गया था।

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सरकार 1 जुलाई से जीएसटी बिल को लागू करना चाहती है। जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में एक ही टैक्स लगेगा। फिलहाल देश में सभी राज्यों में टैक्स की अलग व्यवस्था है और सभी राज्यों में सामान पर टैक्स की दरें भी अलग हैं।

जीएसटी लागू होने के बाद देश में सामानों पर एक ही टैक्स दर लगेगी और सामान की कीमत एक ही होगी। इसके लिए सरकार पहले ही टैक्स स्लैब का ऐलान कर चुकी है। 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के हिसाब से अलग अलग सामान और सेवाओं पर टैक्स लगेगा।