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ओडिशाः भारी बारिश की वजह से महानदी और बैतरनी नदी में पानी का स्तर बढ़ा, 6 जिले अलर्ट पर, 12 की मौत

ओडिशा सरकार ने आज डेल्टा क्षेत्र में छह जिलों के जिलाधिकारियों को हाईअलर्ट पर रखा है। भारी बारिश की वजह से महानदी और बैतरनी नदी में पानी का स्तर बढ़ रहा है।

Updated on: 24 Jul 2018, 08:40 AM

नई दिल्ली:

ओडिशा सरकार ने आज छह जिलों के जिलाधिकारियों को हाईअलर्ट पर रखा है ये सभी ज़िले डेल्टा क्षेत्र में आते हैं। भारी बारिश की वजह से महानदी और बैतरनी नदी में पानी का स्तर बढ़ रहा है। ओडिशा में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से अभी तक मरने वालों की संख्या 12 हो चुकी है।

सरकार ने महानदी और बैतरनी नदी में पानी का स्तर बढ़ने की आशंका व्यक्त की है। सरकार ने जिलाधिकारियों को डेल्टा क्षेत्र में सभी इमरजेंसी हालात में तैयार रहने के लिए कहा है।

ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने राज्य के हालात को देखते हुए कहा, 'हमें हर तरह के आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहना होगा, साथ ही और बाढ़ से प्रभावित लोगों को तुरंत राहत भेजनी होगी।'

उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों से राज्य में भारी बारिश हो रही है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को अस्थायी आश्रय दिया है। पटनायक ने जिला प्राधिकरण को बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए भी कहा है।

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स्पेशल रिलीफ कमीश्नर (राहत आयुक्त) के सूत्रों के मुताबिक, कालाहांडी जिला में चार जबकि दो लोग सम्बलपुर और कंधमाल, ढेंकनाल, जजपुर, सबरनपुर, नयागढ़ और मलकानगिरी में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।

हालांकि, स्पेशल रिलीफ कमीश्नर बीपी सेठी ने महानंदा डेल्टा क्षेत्र के कटक, केद्रपारा, जजपुर, जगतसिंहपुर, खुर्दा और पुरी में जिलाधिकारियों का हाई अलर्ट पर रखा है।

बीपी सेठी ने बताया कि शाम से कटक के पास मुंडाली गॉज स्टेशन से लगभग 730877 क्यूसेक जल बह रहा है।

उसी तरह कियोनझर, जजपुर और भद्रक जिला के जिलाधिकारियों को भी आपातकालीन हालात में तैयार रहने के लिए कहा है क्योंकि बैतरनी नदी में पानी का स्तर खतरनाक लेवल 17.83 एमएम से ऊपर आ चुका है।

अधिकारियों ने कहा कि अभी तक 14 जिलों के 62 ब्लॉक में कम से कम चार लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं।

बाढ़ में प्रभावित जिलों में अंगुल, बौद्ध, बरगढ़, देवगढ़, जजपुर, कालाहांडी, कंधमाल, खुर्दा, कोरापुट, नयागढ़, रायगडा, संबलपुर, सुबरनपुर और पुरी शामिल हैं।

हीराकुद जलाशयों के अधिकारियों ने सोमवार को मौसम की पहली बाढ़ के पानी को छोड़ने की घोषणा की है, जो महानदी में बाढ़ की स्थिति में वृद्धि कर सकती है।

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