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जेपी इंफ्रा और जेपी एसोसिएट्स के बीच संपत्ति के ट्रांसफर की जांच की मांग, 400 घर खरीदारों ने SC में दी याचिका

दीवालिया होने के कगार पर खड़ी जेपी ग्रुप की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। जेपी ग्रुप से घर खरीदने वाले करीब 400 खरीदारों ने उपभोक्ता कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

Updated on: 18 Sep 2017, 02:56 PM

highlights

  • दीवालिया होने के कगार पर खड़ी जेपी ग्रुप की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं
  • जेपी ग्रुप से घर खरीदने वाले करीब 400 खरीदारों ने उपभोक्ता कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है

नई दिल्ली:

दीवालिया होने के कगार पर खड़ी जेपी ग्रुप की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। जेपी ग्रुप से घर खरीदने वाले करीब 400 खरीदारों ने उपभोक्ता कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

खरीदारों ने जेपी एसोसिएट्स (जेएएल) और जेपी इंफ्राटेक के बीच संपत्तियों के ट्रांसफर की जांच कराए जाने की मांग की है।

खरीदारों के समूह ने उपभोक्ता कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट से संरक्षण दिए जाने की मांग की है। 

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स को उसकी सहयोगी कंपनी जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ चल रही दिवालियापन की कार्रवाई को देखते हुए न्यायालय के रजिस्ट्रार के पास 2,000 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दे रखा है।

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खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई का दिन 13 नवंबर निर्धारित करते हुए कहा कि अगर इस रकम को जुटाने के लिए जेपी एसोसिएट्स अपनी किसी संपत्ति को बेचना चाहती है, तो इससे पहले उसे अदालत की अनुमति लेनी होगी।

इसके साथ खंडपीठ ने कंपनी के प्रबंध निदेशक और सभी निदेशकों के देश छोड़ने पर रोक लगा रखी है।

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