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आंध्र प्रदेश को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा, लेकिन मदद में नहीं होगी कोई कमी : जेटली

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर चुप्पी साधे जाने के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के आरोपों पर केंद्र सरकार ने विस्तार से सफाई दी है।

Updated on: 07 Mar 2018, 06:58 PM

highlights

  • आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर चुप्पी साधे जाने के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के आरोपों पर केंद्र सरकार ने विस्तार से सफाई दी है
  • केंद्र ने साफ कर दिया है कि मांग के बावजूद आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता लेकिन राज्य को किसी तरह के फंड की कमी नहीं होने दी जाएगी

नई दिल्ली:

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर चुप्पी साधे जाने के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के आरोपों पर केंद्र सरकार ने विस्तार से सफाई दी है।

केंद्र ने साफ कर दिया है कि मांग के बावजूद आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता लेकिन राज्य को किसी तरह के फंड की कमी नहीं होने दी जाएगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'जब आंध्र प्रदेश का विभाजन हुआ था तब विशेष राज्य का दर्जा अस्तित्व में था लेकिन 14वें वित्त आयोग ने इस विचार को ही खत्म कर दिया।'

उन्होंने कहा कि विशेष दर्जा वास्तव में पूर्वोत्तर के उन राज्यों को मिलता है जिनके पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है।

जेटली ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे का यह मतलब नहीं है कि आपको 90/10 के अनुपात का लाभ मिलता है न कि 60/40 का। उन्होंने कहा, 'आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने का वादा किया गया था।'

उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग के मुताबिक जिन राज्यों को राजस्व में घाटा हो रहा था, उन्हें मुआवजा देने की बात की गई थी और आंध्र प्रदेश के मामले में राजस्व घाटे को लेकर पहले ही सभी प्रावधानों को पूरा किया जा चुका है।

वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व घाटा केवल 10 महीनों के लिए था और पहले दो सालों के लिए टैक्स में छूट दी जा चुकी है।

जेटली ने कहा, 'केंद्र का इस मामले में साफ स्टैंड है। राज्य को हमें बताना होगा कि वह इसे कैसे चाहते हैं। केंद्र सरकार ने कभी भी इसके लिए मना नहीं किया है।'

विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने की स्थिति को समझाते हुए जेटली ने कहा कि आंध्र प्रदेश बंटवारे के खिलाफ था जबकि तेलंगाना विभाजन चाहता था। आंध्र को संसाधनों की हानि उठानी पड़ी। इसलिए उन्हें कुछ मदद दी जानी थी। 'इसलिए आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे का वादा किया गया था।'

उन्होंने कहा, 'तब विशेष राज्य के दर्जे का विचार अस्तित्व में था लेकिन 14वें वित्त आयोग के मुताबिक अब ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया जा सकता।'

जेटली ने कहा कि इसके बावजूद केंद्र राज्य की सभी मांगों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, 'हम सभी शर्तों को पूरा करना चाहते हैं। हम वित्त आयोग की रिपोर्ट के बाद इसे औपचारिक तौर पर विशेष राज्य का दर्जा तो नहीं कह सकते लेकिन इसे हम विशेष पैकेज कह रहे हैं। इससे राज्य को वहीं सभी समान सुविधाएं मिलेंगी।'

इस दौरान जेटली ने राजनीतिक तल्खी को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि भावनाओं से फंड की राशि तय नहीं होती।

उन्होंने कहा, 'राजनीतिक मुद्दे फंड की राशि में बढ़ोतरी नहीं कर सकते क्योंकि केंद्र के पास बेशुमार फंड नहीं है। भारत के सभी राज्यों को समान रूप से केंद्र से फंड पाने का अधिकार है। मुझे आंध्र प्रदेश से सहानुभूति है क्योंकि उन्हें विभाजन की वजह से नुकसान उठाना पड़ा है।'

गौरतलब है कि कांग्रेस के प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने कहा था कि अगर कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आती है तो वह आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देंगे। इसके बाद चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से पूछा था, 'आप (बीजेपी) अपने गठबंधन की सहयोगी पार्टी की जरूरतों पर कुछ बोल क्यों नहीं रहे हैं?'

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