चुनाव हारने के बाद अब इस बात को लेकर दो फाड़ हुई BJP, सम्मान की लड़ाई में दो दिग्गजों की जंग
भाजपा विधायक नागेन्द्र सिंह का ही नाम विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए सामने आ रहा है.
रीवा:
हाल ही में संपन्न हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया. जिसके बाद अब नेता प्रतिपक्ष और विधानसभा उपाध्यक्ष को लेकर पार्टी में नेताओं के चयन की प्रक्रिया तेज हो गई है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक नागेंद्र सिंह का नाम सामने आ रहा है. नागेन्द्र सिंह चौथी बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने हैं. पार्टी में इनकी अच्छी साख है.
नागेन्द्र सिंह 1985 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर से पहली बार विधायक बने थे और कम्युनिस्ट पार्टी के विशंभर पांडे को इन्होंने चुनाव हराया था. इसके बाद 3 विधानसभा चुनाव में इन्हें टिकट नहीं मिला और फिर 2003 में पुन: इन्हें भारतीय जनता पार्टी से विधानसभा का टिकट मिला और चुनाव जीते. इसके बाद 2008 में भी भाजपा से ही विधायक बने, जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे कांग्रेस पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष सुन्दरलाल तिवारी से महज कुछ ही वोटों से चुनाव हार गए.
लेकिन 2018 के चुनाव में एक बार पुनः कांग्रेस को हराते हुए विधानसभा पहुंचे हैं. इस बार भी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुन्दरलाल तिवारी चुनाव मैदान में थे और हार कर तीसरे स्थान पर रहे. पार्टी सूत्रों की मानें तो नाागेन्द्र सिंह सुलझे हुए और गंभीर नेता है साथ ही जनता के बीच में भी उनकी अच्छी पकड़ है.
पार्टी द्वारा प्राथमिक तौर पर भाजपा विधायक नागेन्द्र सिंह का ही नाम विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए सामने आ रहा है. लेकिन विंध्य में 30 सीटों में से 24 सीट दिलाने वाले राजेंद्र शुक्ल भी कमजोर नहीं है. अंतिम निर्णय उन्हीं का माना जा सकता है. इसलिए अभी भी विधानसभा उपाध्यक्ष नागेन्द्र सिंह के बनने में राजेंद्र शुक्ल अड़चनें पैदा कर सकते हैं. जहां नागेन्द्र सिंह अच्छे वक्ता हैं, वही पार्टी में पकड़ व जनता के बीच में उनकी अच्छी छवि भी है, जिसे भाजपा नजर अंदाज नहीं कर सकती.
लेकिन, यदि नागेन्द्र सिंह को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया जाता है तो जिले में ही नहीं विंध्य क्षेत्र में भी उनका कद बढ़ेगा. जिससे राजेंद्र शुक्ल को नुकसान हो सकता है. यदि नागेन्द्र सिंह को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाना है तो पूर्व मंत्री व रीवा विधानसभा से विधायक राजेंद्र शुक्ल का समर्थन मिलना अनिवार्य है. लेकिन जाति समीकरण के आधार पर शायद यह संभव ना हो पाए. जब से यह जानकारी पार्टी व कार्यकर्ताओं के बीच में पहुंची है कि नागेन्द्र सिंह को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है, उनमें खुशी का माहौल है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Sanatan Dharma: सनातन धर्म की बड़ी भविष्यवाणी- 100 साल बाद यह होगा हिंदू धर्म का भविष्य
-
Aaj Ka Panchang 25 April 2024: क्या है 25 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Ank Jyotish: इस तारीख को जन्में लोग होते हैं बुद्धिमान, लेकिन लोग उठाते हैं इनका फायदा
-
Laxmi Ganesh Puja: धन-वृद्धि और तरक्की के लिए इस तरह करें देवी लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा