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दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचे आंदोलनकारी किसान, थोड़ी देर में करेंगे संसद की ओर मार्च

किसानों ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसान कर्ज मुक्ति के साथ फसलों का डेढ़ गुना दाम नहीं मिला तो 2019 के लोकसभा चुनाव में सरकार को इसकी कीमत चुकानी होगी.

Updated on: 30 Nov 2018, 08:26 AM

नई दिल्ली:

शीतकालीन सत्र के शुरू होने से ठीक पहले संसद तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए देशभर से किसान गुरवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में जुट गए हैं. किसानों का कारवां शुक्रवार को रामलीला मैदान से संसद की ओर बढेगा. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग तक किसानों को पैदल मार्च की अनुमति नहीं दी है. यह दो दिवसीय विरोध कार्यक्रम अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले हो रहा है, जिससे अलग--अलग क्षेत्रों और राज्यों में काम कर रहे 208 किसान एवं सामाजिक संगठन जु़ड़े हैं. 

ये हैं किसानों की अहम मांगें
किसान की पूरी तरह कर्ज माफी हो
फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजे की मांग
एमएस स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को पूरी तरह से लागू करने की मांग
किसानों को पेंशन देने की मांग

पहले दिन पैदल मार्च किया
किसान मुक्ति मार्च के पहले दिन गुरवार को स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव व जय किसान आंदोलन के संयोजक अभिक साहा के नेतृत्व में देशभर से आए किसानों ने बिजवासन से रामलीला मैदान तक पैदल मार्च किया.

2019 में कीमत चुकाना होगी
किसानों ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसान कर्ज मुक्ति के साथ फसलों का डेढ़ गुना दाम नहीं मिला तो 2019 के लोकसभा चुनाव में सरकार को इसकी कीमत चुकानी होगी.

किसानों के लिए हो विशेष सत्र
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने 11 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के बीच किसानों के लिए अलग से विशेष सत्र बुलाने की मांग तेज कर दी है. इसको लेकर कई संगठनों से जुड़े लोगों ने बुधवार को आइटीओ चौक पर प्रदर्शन किया.

आपको बता दें कि गुरुवार के दिन बड़ी संख्या में एकजुट होकर बिहार, पंजाब व उत्तर-प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों के किसान ट्रेन से दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पहुंचे. किसानों ने दोपहर में आनंद विहार से लेकर रामलीला मैदान तक मार्च निकाला. जिससे सड़कों पर जाम की स्थिति भी पैदा हो गई थी.