logo-image

महाराष्ट्र में मंत्रालय के सामने आत्महत्या की कोशिश करने वाले 84 वर्षीय किसान की मौत

महाराष्ट्र में 22 जनवरी को राज्य सचिवालय के सामने आत्महत्या की कोशिश करने वाले एक 84 वर्षीय किसान की जे जे अस्पताल में मौत हो गई।

Updated on: 29 Jan 2018, 09:51 AM

मुंबई:

महाराष्ट्र में 22 जनवरी को राज्य सचिवालय के सामने आत्महत्या की कोशिश करने वाले एक 84 वर्षीय किसान की जे जे अस्पताल में रविवार रात मौत हो गई। मृतक किसान अपनी जमीन के अधिग्रहण के एवज में पर्याप्त मुआवजा न मिल पाने के कारण कई महीनों से परेशान था।

एक सोलर पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहित करने के बाद राज्य सरकार से मिले कम मुआवजे के कारण किसान धर्मा पाटिल ने विरोध के रूप में सचिवालय परिसर में ही जहर खा लिया था।

अधिकारी के मुताबिक, पाटिल का पोस्टमॉर्टम जे जे अस्पताल में ही कराया गया था। उनके शव को परिवार वालों को दे दिया जाएगा।

पाटिल ने आत्महत्या का कदम उठाने के बाद खुद से दक्षिणी मुम्बई के एक सरकारी अस्पताल का रुख किया था।

किसान के परिवार वालों का कहना है कि उन्होंने इस तरह का जोखिम भरा कदम तब उठाया, जब अपनी जमीन के सही मुआवजे को पाने के कई प्रयासों के बाद भी कोई परिणाम सामने नहीं आया।

किसान के बेटे नरेन्द्र पाटिल ने बताया है कि उसके पिता को 5 एकड़ जमीन के लिए मुआवजे के तौर पर सिर्फ 4 लाख रुपये दिए गए।

बेटे ने कहा, 'अस्सी साल के बूढ़े पिताजी ने अपनी जमीन के मुआवजे के बारे में शिकायत दर्ज कराने के लिए पिछले तीन महीने से लगातार राज्य प्रशासनिक मुख्यालय के चक्कर लगा रहे थे।'

महाराष्ट्र सरकार ने किसान को 15 लाख रुपये की सहायता राशि देने की पहल की लेकिन बेटे न लेने से इंकार कर दिया।

और पढ़ें: बेरहम पिता ने झूठ बोलने पर 10 साल के मासूम को पटक-पटक कर पीटा, वायरल हुआ वीडियो

नरेन्द्र पाटिल ने कहा कि परिवार वाले तब तक शव को नहीं लेंगे जब तक राज्य सरकार मेरे पिता को 'शहीद' का दर्जा और 5 एकड़ जमीन के लिए उचित मुआवजा राशि देने का लिखित आश्वासन न दे।

इस घटना के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस और एनसीपी ने भी सरकार का आरोप लगाया है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा है कि मंत्रालय में किसान के आत्महत्या कर लेने के बाद भी सरकार उसे न्याय दिलाने के मूड में नहीं है।

वहीं कांग्रेस नेता राधाकृष्ण पाटिल ने कहा कि सरकार की लापरवाही और एंटी किसान नीतियों के कारण किसान की मौत हुई है। उन्होंने कहा, 'हजारों किसानों की आत्महत्या के बाद भी सरकार अब तक नहीं जाग पाई है।'

और पढ़ें: दिल्ली: रोहिणी में डाकघर के चौकीदार की हाथ-पैर बांधकर हत्या, इलाके में सनसनी