logo-image

मंदसौर में सामान्य हुए हालात, मृतक किसानों के परिजनों शिवराज से की उपवास तोड़ने की अपील

मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन का केंद्र रहे मंदसौर में हालात सामान्य हो चले हैं। शनिवार को न केवल यहां से कर्फ्यू हटा लिया गया, बल्कि इंटरनेट सेवा को भी बहाल कर दिया।

Updated on: 10 Jun 2017, 10:59 PM

highlights

  • मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन का केंद्र रहे मंदसौर में हालात सामान्य हो चले हैं
  • शनिवार को न केवल यहां से कर्फ्यू हटा लिया गया, बल्कि इंटरनेट सेवा को भी बहाल कर दिया

New Delhi:

मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन का केंद्र रहे मंदसौर में हालात सामान्य हो चले हैं। शनिवार को न केवल यहां से कर्फ्यू हटा लिया गया, बल्कि इंटरनेट सेवा को भी बहाल कर दिया।

मंदसौर के कलेक्टर ओ पी श्रीवास्तव ने कहा, 'अभी इस इलाके में धारा 144 लगा रहेगा।' वहीं पिपलीमंडी में रात को कर्फ्यू जारी रखने का फैसला लिया गया है। 6 जून को यही पर पांच किसान मारे गए थे। हिंसा भड़कने के बाद अफवाहों को रोकने के लिए प्रशासन ने इन इलाकों में इंटरनेट को बैन कर दिया था।

मंदसौर मध्य प्रदेश के अन्य हिस्सों में फैले किसान आंदोलन का केंद्र रहा है। किसान आंदोलन में अब तक 6 किसानों की मौत हो चुकी है। आंदोलन के हिंसक होने और राज्य में बिगड़ते हालात को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अनिश्चितकालीन उपवास की शुरुआत कर चुके हैं।

और पढ़ें:किसान आंदोलन: विपक्ष से हाथ मिलाने को तैयार बीजेपी की सहयोगी पार्टी

उपवास के पहले दिन मुख्यमंत्री से कई छोटे-बड़े किसान संगठनों के साथ मंदसौर में पुलिस की गोली से मारे गए चार किसानों के परिवार से मुलाकात की। मृतक किसान के परिवार वालों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनका उपवास खत्म करने की अपील की।

हालांकि शिवराज ने कहा कि पूरी शांति होने तक वह उपवास खत्म नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, 'यह उपवास मध्य प्रदेश में शांति बहाली के लिए कर रहा हूं। जब तक पूरी तरह शांति बहाल नहीं होगी, तब तक उपवास चलेगा।'

हालांकि उपवास के दौरान उस वक्त अजीब स्थिति पैदा हो गई, जब किसानों का एक समूह शिवराज के सामने ही उपवास पर बैठ गया। वहीं दूसरे गुट ने उनसे मुलाकात के बाद उनके इस्तीफे की मांग कर डाली।

और पढ़ें: मप्र: शिवराज के सामने किसानों ने भी शुरू किया उपवास

फसलों की कम कीमत के खिलाफ मध्य प्रदेश के किसानों ने 1 जून को आंदोलन शुरू किया था, जो 10 जून को खत्म हो रहा है। हालांकि अभी तक राज्य सरकार औऱ किसानों के बीच कोई सहमति बनती नहीं दिखाई दे रही है।

इस बीच कांग्रेस और अन्य किसान संगठनों ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। 

मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, 'अब समय आ गया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपवास का नाटक छोड़ें और राजनीति से संन्यास लें। गांधी के हत्यारे गोडसे की विचारधारा के समर्थक आज गांधीवादी होने की नौटंकी कर रहे हैं।'

और पढ़ें: मप्रः कांग्रेस ने की राज्यपाल से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग