logo-image

वोट के बदले नोट देने वाले फैला रहे अफवाह, नहीं क्लिक होती पेपर ट्रेल मशीन से फोटो: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने वोटिंग के समय पेपर ट्रेल मशीन से तस्वीर खींचे जाने की खबरों को अफवाह बताते हुए खारिज कर दिया है।

Updated on: 05 Aug 2018, 08:08 PM

नई दिल्ली:

चुनाव आयोग ने वोटिंग के समय पेपर ट्रेल मशीन से तस्वीर खींचे जाने की खबरों को अफवाह बताते हुए खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि चुनावी मौसम में लोगों को गुमराह करने के लिए इस तरह की अफवाहों को फैलाया जा रहा है।

चुनाव आयोग ने वोटर्स को सावधान रहने की सलाह देते हुए कहा कि जो लोग वोट के बदले नोट देते हैं वो मतदाताओं को यह कहकर गुमराह कर सकते हैं कि पेपर ट्रेल मशीन उनकी तस्वीर क्लिक कर लेती है।

चुनाव आयोग के मुख्यायुक्त ने बताया कि मतदाताओं को जागरूक करने के लिए वह जल्द ही इसे लेकर अभियान चलाएंगे।

उन्होंने कहा, 'पेपर ट्रेल मशीन के बारे में लोग चाहे जो भी कह रहे हैं, उस पर भरोसा न करें। यह मशीन फोटो क्लिक नहीं करती है।' 

चुनाव आयोग ने साफ किया कि लोग चुनाव में उपयोग होने वाली वीवीपीएटी मशीनों के इस्तेमाल में बाधा डालने के लिए ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं।

और पढ़ें: क्या 2019 में बैलट पेपर से होगा मतदान, चुनाव आयोग से मिलेंगी 17 राजनीतिक पार्टियां

आखिर क्या है VVPAT?

वोटर-वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) जो वोटिंग के बाद आपको एक स्लिप देगी, जिसमें उस पार्टी का चुनाव चिह्न होगा, जिसे आपने वोट दिया है। यह स्लिप आपको मिलेगी, लेकिन इसे वापिस वहीं जमा कर लिया जाएगा, यह स्लिप वोटर घर नहीं ले जा सकेंगे।

ईवीएम पर होता रहा है घमासान

बता दें कि 2014 के आम चुनावों के बाद से कई मौकों पर विपक्षी पार्टियां ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगा चुकी हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने चुनाव में मिली हार का कारण ईवीएम को बताया है।

2017 में हुए यूपी चुनाव में बीएसपी और एसपी को मिली करारी हार के बाद पार्टियों ने ईवीएम में गड़बड़ी की बात का दावा किया था। वहीं पंजाब चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था।

और पढ़ें: 2019 में विपक्ष की एकता में सेंध लगाने को तैयार है शाह की टीम, यह रहेगी रणनीति