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EVM मामला: चुनाव आयोग की शिकायत पर सैयद शुजा के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने किया मामला दर्ज

चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस को लंदन में सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय ईवीएम को हैक करने का दावा किए जाने के मामले में एफआईआर दर्ज करने को कहा है.

Updated on: 23 Jan 2019, 12:20 AM

नई दिल्ली:

केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) ने दिल्ली पुलिस को भारतीय ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को हैक करने का दावा करने वाले कथित साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा है. साथ ही सैयद शुजा के द्वारा किए गए दावे को सही तरीके से जांच करने का अनुरोध किया है. गौरतलब है कि सोमवार को लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान कथित साइबर विशेषज्ञ ने दावा किया था कि भारत में चुनाव आयोग द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ईवीएम को हैक किया जा सकता है.

चुनाव आयोग ने अपने पत्र में लिखा है कि सैयद शुजा ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 505(1) (अफवाह जिससे आकस्मिक भय पनपता हो) का उल्लंघन किया है.

दिल्ली पुलिस को चुनाव आयोग ने कहा, 'मीडिया रिपोर्ट के जरिये ये आयोग के सामने आया कि सैयद शुजा ने (लंदन में) दावा किया था कि वह भारत में ईवीएम डिजाईन टीम का हिस्सा था और चुनावों में इस्तेमाल होने वाले ईवीएम को हैक कर सकता है.'

चुनाव आयोग के अनुरोध पर दिल्ली पुलिस ने कहा, 'दिल्ली पुलिस ने चुनाव आयोग की शिकायत को स्वीकार कर लिया है. मामले में आईपीसी की धारा 505 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कानून के हिसाब के आगे की जांच की जाएगी.'

इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) ने भी शुजा के दावों से इंकार करते हुए कहा कि रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि न तो वह ईसीआईएल के नियमित कर्मचारी के तौर पर था और न ही वह ईवीएम के डिजाइन और उसकी तैनाती में किसी भी तरीके से जुड़ा हुआ था.

कथित साइबर एक्सपर्ट का दावा

लंदन में 'इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (यूरोप)' कार्यक्रम के दौरान शुजा ने दावा किया था कि वे उस टीम का हिस्सा थे जिसने 2014 के चुनाव में इस्तेमाल हुए ईवीएम को डिजाइन किया था। उसने कहा था कि उन्हें और उनकी टीम को ईसीआईएल ने इस बात का पता लगाने के लिये निर्देश दिया था कि क्या ईवीएम को हैक किया जा सकता है और इसे कैसे किया जा सकता है. उसने यह भी दावा किया था कि वह ईसीआईएल के साथ 2009-14 तक काम कर चुका है.

उसने दावा किया था 2014 के लोकसभा चुनावों में धांधली हुई थी. कथित साइबर विशेषज्ञ ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मोड्यूलेटर का इस्तेमाल करके ईवीएम को हैक किया था. ये मोड्यूलेटर मिलिट्री ग्रेड फ्रीक्वेंसी को ट्रांसमिट करते हैं.

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शुजा ने कहा था कि उनकी टीम के कुछ सदस्यों की हत्या कर दी गई और उनपर भी कथित तौर पर हमला हुआ था, लेकिन वह बच गए. उन्होंने कहा कि वह एक जाने-माने भारतीय पत्रकार से मिले थे और ईवीएम में कथित धांधली के बारे में पूरी कहानी उन्हें बताई थी.

चुनाव आयोग दावों को कर चुकी है खारिज

शुजा के दावों पर चुनाव आयोग ने सोमवार को कहा था कि वह 'इस दुर्भावना से प्रेरित बहस का हिस्सा बनने को लेकर सावधान है और भारतीय चुनावों में इस्तेमाल होने वाले ईसीआई के ईवीएम पूरी तरीके से सुरक्षित हैं.

आयोग ने एक बयान में कहा था, 'इस बात पर अलग से विचार किया जा रहा है कि मामले में क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और क्या कार्रवाई की जानी चाहिये.'

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आयोग ने कहा था कि उसके द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले ईवीएम का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और ईसीआईएल की बेहद कड़ी निगरानी और सुरक्षा दशाओं में करते हैं.

आयोग ने कहा था कि ईवीएम के लिए 2010 में गठित जाने-माने तकनीकी विशेषज्ञों की समिति की निगरानी में सभी चरणों में कठोर मानक संचालन प्रक्रियाओं के पालन पर बारीक नजर रखी जाती है.

(पीटीआई इनपुट्स के साथ)