चुनाव आयोग ने AAP से पूछा- क्यों न छीना जाय पार्टी का चुनाव चिह्न, चंदे में गड़बड़ी का मामला
चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (AAP) को नोटिस भेजकर साल 2014-15 में पार्टी द्वारा फाइल की गई चंदे की राशि में गड़बड़ियों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है।
नई दिल्ली:
चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (AAP) को नोटिस भेजकर साल 2014-15 में पार्टी द्वारा फाइल की गई चंदे की राशि में गड़बड़ियों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी से पूछा है कि कानूनी निर्देशों का पालन नहीं करने पर क्यों ना पार्टी पर कार्रवाई की जाए और क्यों ना उसका चुनाव चिन्ह छीन लिया जाए? ईसी ने नोटिस जारी करने के 20 दिनों के भीतर आम आदमी पार्टी के एक प्रतिनिधित्व को चुनाव आयोग के कार्यालय भेजने को कहा है।
चुनाव आयोग की नोटिस के मुताबिक, '64.44 करोड़ रुपये के चंदे के साथ आम आदमी पार्टी के बैंक खाते में कुल 67.67 करोड़ रुपये क्रेडिट हुए लेकिन पार्टी ने उस साल के लिए अपने ऑडिट रिपोर्ट में सिर्फ 54.15 करोड़ रुपये की घोषणा की थी। इसलिए जांच अधिकारी के द्वारा पाया गया कि 13.16 करोड़ रुपये की रकम की जानकारी पार्टी ने नहीं दी और ये चंदे अज्ञात सूत्र से लिए गए थे।'
इनकम टैक्स की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग के नोटिस में कहा गया है कि पार्टी ने हवाला के जरिये भी 2 करोड़ रुपये लिए और आम आदमी पार्टी ने इसे गलत तरीके से चंदे से आया हुआ धन बताया था।
नोटिस के मुताबिक, पार्टी ने अपने ऑफिशियल वेबसाइट पर भी गलत जानकारी दी थी और जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 29सी के तहत गलत सूचना दी जिससे पता चलता है कि पार्टी ने सवाल उठाए जाने के बाद अपने रिपोर्ट में बदलाव किया था।
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आयोग के नोटिस के अनुसार, 'निष्कर्ष के तौर पर, आम आदमी पार्टी का चुनाव आयोग को दी गई चंदे की रिपोर्ट गलत थी। आम आदमी पार्टी प्रथम दृश्टया चुनाव आयोग के कानूनी निर्देशों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया और पारदर्शिता का पालन नहीं किया है।'
चुनाव आयोग के अनुसार 30 सितंबर, 2015 को 'आप' ने 2014-15 की अपनी वास्तविक चंदा रिपोर्ट दाखिल की और इसके बाद संशोधित रिपोर्ट 20 मार्च, 2017 को दाखिल की। पहली रिपोर्ट में 2,696 दानदाताओं और कुल 37.4 करोड़ रुपये का दान तथा संशोधित रिपोर्ट में 8,264 दानदाताओं और 37.6 करोड़ रुपये के दान का उल्लेख था।
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा सतर्क करने के बाद आयोग ने 'आप' को नोटिस भेजा गया। सीबीडीटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी ने दो करोड़ रुपये हवाला संचालकों से लिए थे, जिन्हें भी गलत तरीके से स्वैच्छिक दान बताया गया है।
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