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Loksabha Election 2019 : पाकिस्तान से तनाव के बीच क्‍या लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम प्रभावित होगा

चुनाव आयोग पुलवामा हमले के बाद हो भारत की ओर से हो रही कार्रवाई पर नजर बनाए हुए है.

Updated on: 27 Feb 2019, 10:37 AM

मुंबई:

कुछ ही दिनों में भारत में लोकसभा के चुनाव होने हैं और भारत का चुनाव आयोग तारीखें तय करने में जुटा हुआ है. हालांकि पुलवामा हमले के बाद भारत की ओर से Surgical Strike किए जाने के बाद आयोग आगे के घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है. भारत की ओर से मंगलवार को किए गए हवाई हमले के बाद चुनाव पर पड़ने वाले प्रभाव पर भारत के चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का कहना है कि हम संविधान के अंतर्गत अपना कार्य करने को लेकर बंधे हैं.

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लवासा दो दिनी महाराष्ट्र के दौरे पर हैं जहां उन्होंने मीडिया से बात की और बताया कि पुलवामा मामले में हो रहे हर घटनाक्रम पर आयोग नजर रखे हुए है लेकिन आयोग आगामी चुनाव को लेकर संविधान के नियमों से बंधा हुआ है. लवासा ने आगे बताया कि महाराष्ट्र में हुए दो दिनी कार्यक्रम में उन्होंने आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर महाराष्ट्र की तैयारियों का जायजा लिया है. हमारी सभी राजनैतिक पार्टियों से मुलाकात हुई है इसके अलावा एजेंसी के नोडल ऑफिसरों से भी हमारी मुलाकात हुई जिनमें IT विभाग, नारकोटिक्स और आबकारी विभाग, रेलवे और बैंक के अधिकारियों से भी मुलाकात की है जिनको चुनाव कराने में मदद करनी है. महाराष्ट्र में डुप्लीकेट वोटर्स को लेकर एक पॉलिटिकल पार्टी के खड़े किए प्रश्न पर लवासा का कहना है कि वो इस मामले को भी देख रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा 15 दिनों में वो इस समस्या का हल निकाल लेंगे.

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बता दें कि महाराष्ट्र में 49,284 मतदान क्षेत्रों में कुल 95,473 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में पहली बार सभी वोटिंग मशीनों को वोटर वैरिफाइट पेपर ऑडिट ट्रेल से जोड़ा गया है. चुनाव आयोग ने नए मतदाताओं से अपील की है कि वो जल्द से जल्द मतदान के लिए रजिस्टर करवा लें. उन्होंने आगे जानकारी दी कि जो लोग किसी निवास प्रमाण न होने के कारण अपने को रजिस्टर नहीं करवा पा रहे हैं उनको नए वोटर के तौर पर रजिस्टर करने पर जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी. सेंसटिव इलाकों में मतदान पुलिस बल के संरक्षण में करवाया जाएगा.

कुछ पॉलिटिकल पार्टियों ने इस बात पर भी सवाल उठाया है कि मतदान के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार रोक दिया जाना चाहिए लेकिन इसका प्रभाव प्रिंट मीडिया पर नहीं पड़ता, इस बात पर चुनाव आयोग कड़े कदम उठाएगी और हो सकता है कि प्रिंट मीडिया पर भी 48 घंटे पहले तक चुनावी सामग्री न छापने की पाबंदी लगाई जाए. इसके अलावा सोशल मीडिया पर हो रहे पोस्ट पर भी चुनाव आयोग काफी गहनता से नजर बनाए रहेगा. NRI लोगों को ऑनलाइन वोटिंग की सुविधा देने के अफवाह को लवासा ने सिरे से खारिज कर दिया. उनका कहना है कि ऐसी कोई सुविधा के बारे में चुनाव आयोग विचार नहीं कर रही, ये अफवाह है और इसे लेकर चुनाव आयोग ने एक कम्प्लेन भी फाइल की है.