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रॉबर्ट वाड्रा के सहयोगी थप्पी की संपत्तियों की जांच कर रही ED

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से सैकड़ों करोड़ों रुपये के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियन के कथित उल्लंघन के तहत बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा के सहयोगी सीसी थम्पी की संपत्तियों की जांच की जा रही है.

Updated on: 20 Feb 2019, 12:21 PM

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से सैकड़ों करोड़ों रुपये के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियन के कथित उल्लंघन के तहत बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा के सहयोगी सीसी थम्पी की संपत्तियों की जांच की जा रही है. जांच के लिए एजेंसी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है. थम्पी ने पिछले साल 288 करोड़ रुपये में दिल्ली-एनसीआर और उसके आसपास कृषि भूमि और अन्य भूखंड खरीदे थे. इस मामले में ED ने उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जांचकर्ताओं का आरोप है कि थप्पी वाड्रा का करीबी सहयोगी है.

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गौरतलब है कि ED ने बीकानेर जिले में कथित जमीन घोटाले के संबंध में बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा से अपने जयपुर कार्यालय में पूछताछ की थी. वाड्रा से बीकानेर जमीन सौदा से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ की, जिसमें भूषण स्टील एंड पॉवर द्वारा फ्रांसीसी कंपनी को वाड्रा की कंपनी से जमीन खरीदने के लिए कर्ज दिया गया था. थम्पी बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा के सहयोगी हैं. थम्पी भी ED की जांच के घेरे में आ गए हैं. बताया जा रहा है कि ED जल्दी ही थम्पी से पूछताछ कर सकती है. जांचकर्ताओं ने बताया कि थम्पी ने विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन किया है. थम्पी ने पिछले साल दिल्ली-एनसीआर और उसके आसपास के क्षत्रों में कृषि भूमि और अन्य भूखंड खरीदे थे.

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ED के अधिकारी ने बताया कि जमीन अधिग्रहण में थम्पी ने 288 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इसलिए उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. थप्पी रॉबर्ट वाड्रा के सहयोगी बताए जा रहे हैं. बता दें कि ईडी के एक सूत्र ने बताया कि वाड्रा से भूषण स्टील एंड पॉवर द्वारा मुंबई की कंपनी पीआर फोनरोक को दिए गए कर्ज के संबंध में पूछताछ की गई. पीआर फोनरोक, पीआर क्लीन इनर्जी और फ्रांस की फोनरोक इनर्जी का संयुक्त उद्यम है, जिसने वाड्रा की कंपनी से जमीन काफी उच्च कीमत पर खरीदी थी. वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने यह जमीन कोलायत में मार्च 2010 में खरीदी थी. ईडी अधिकारियों के मुताबिक, स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 69.55 हेक्टेयर जमीन 72 लाख रुपये में खरीदी थी और उसके बाद इसे एल्लेजेनी फिनलीज को 5.15 करोड़ रुपये में बेची थी, जिससे कंपनी को 4.43 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ.