logo-image

पश्चिम बंगाल प्रकरण पर आखिर चुनाव आयोग का क्या कहना है, आप भी जानें

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर सख्त रुख दिखाते हुए राज्य में चुनाव प्रचार में 19 घंटे की कटौती कर दी थी.

Updated on: 16 May 2019, 01:44 PM

highlights

  • बंगाल प्रकरण में चुनाव आयोग का जवाब
  • बंगाल में हिंसा की पांच बड़ी घटनाए हुई
  • सीएपीएफ ने वोटरों से की थी अभद्रता

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल के गृह सचिव को हटाने को लेकर चुनाव आयोग ने कारण स्पष्ट कर दिया है आयोग का कहना है कि गृहसचिव ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक पत्र भी लिखा था, इससे पहले चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर सख्त रुख दिखाते हुए राज्य में चुनाव प्रचार में 19 घंटे की कटौती कर दी थी. इसके साथ ही एडीजी सीआईडी राजीव कुमार को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया था. इसके साथ राज्य के गृह सचिव को भी कार्यमुक्त कर दिया गया था.

आयोग ने अपने आदेश में कहा था, 'राज्य के गृह सचिव चुनाव आयोग का आदेश मानने की बजाय उसे निर्देश देने की कोशिश कर रहे थे' अत्री भट्टाचार्य ने अपने पत्र में लिखा था कि राज्य में सैन्य पुलिस बलों को किस तरह से तैनात करना चाहिए.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिफ आफताब को लिखे गए पत्र में भट्टाचार्य ने लिखा था, 'चुनाव आयोजित कराने के दौरान सीएपीएफ को तैनात करने के संबंध में अच्छी खबरें नहीं हैं. आप 12 मई को सीएपीएफ द्वारा फायरिंग की घटना के बारे में जानते होंगे. इस तरह की पांच घटनाएं हुईं हैं इसके अलावा सीएपीएफ की तरफ से वोट देने के लिए लाइन में लगे मतदाताओं से अभद्र व्यवहार करने और बिना अधिकार क्षेत्र के लाठी चार्ज कने की भी खबरें हैं.'