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DMK प्रमुख एम के स्टालिन का मोदी सरकार पर हमला, लगाया चुनावी तानाशाही का आरोप

एम. करुणानिधि की मृत्यु के बाद डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन के नेतृत्व में जिला सचिवों, सांसदों और विधायकों की बैठक में कहा गया कि पार्टी संवैधानिक मूल्यों का बरकरार रखने के लिए कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार है।

Updated on: 08 Sep 2018, 11:31 PM

नई दिल्ली:

तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एमके स्टालिन ने शनिवार को मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए केंद्र सरकार पर चुनावी तानाशाही करने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं, डीएमके ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर देश को भगवाकरण करने के सपने का आरोप लगाते हुए उसे हराने की प्रण भी लिया।

हाल ही में एम. करुणानिधि की मृत्यु के बाद डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन के नेतृत्व में जिला सचिवों, सांसदों और विधायकों की बैठक में कहा गया कि पार्टी संवैधानिक मूल्यों का बरकरार रखने के लिए कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार है।

बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया, ‘बीजेपी सरकार तमिलनाडु के हितों की अनदेखी कर रही है, बहुसंख्यकों को प्रभावित और सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रही है, यहां तक कि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और बीजेपी का विरोध करनेवालों को राष्ट्र विरोधी करार दिया जा रहा है।’

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इन सब के अलावा ‘Will reject BJP's saffronisation dreams’ शीर्षकवाले इस प्रस्ताव में कहा गया है कि बीजेपी सरकार की आलोचना करने वाली मीडिया को डराया जा रहा है, वहीं दलितों और अल्पसंख्यकों को कई स्थानों पर निशाना बनाया जा रहा है।

इस दौरान राज्य में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके (AIDMK) की भी आलोचना की गई। डीएमके ने आरोप लगाया कि एआईएडीएमके भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गई है और उसे सत्ता से बेदखल करने का प्रण लिया गया।

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बता दें कि स्टालिन को 28 अगस्त को पार्टी प्रमुख बनाया गया था, जिसके बाद हुई इस पहली बैठक में नोटबंदी, राफेल सौदे, नीट और मौजूदा आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की गई।