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TMC नेताओं को हिरासत में लिए जाने पर बोले डेरेक ओ ब्रायन, 'सुपर इमरजेंसी' जैसे हालात

एनसीआर ड्राफ्ट को लेकर तृणमूल कांग्रेस के 8 नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जब असम में लोगों से मिलने जा रहे थे तो सिलचर एयरपोर्ट पर उन्हें गुरुवार को हिरासत में ले लिया गया है।

Updated on: 02 Aug 2018, 11:31 PM

नई दिल्ली:

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) ड्राफ्ट को लेकर तृणमूल कांग्रेस के 8 नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जब असम में लोगों से मिलने जा रहे थे तो सिलचर एयरपोर्ट पर उन्हें गुरुवार (2 अगस्त) को हिरासत में ले लिया गया है। हिरासत में लिए गए नेताओं में TMC के 6 सांसद और दो विधायक शामिल हैं।

वहीं, टीएमसी नेताओं का कहना है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन उन्हें जबरन हिरासत में ले लिया गया। टीएमसी (TMC) सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इसे लेकर बीजेपी पर वार करते हुए कहा कि यह सुपर इमरजेंसी जैसे हालात हैं।

टीएमसी एमपी डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘हमारे प्रतिनिधिमंडल को सिलचर एयरपोर्ट में हिरासत में ले लिया गया है। हमारा संवैधानिक अधिकार है लोगों से मिलने का। यह सुपर इमरजेंसी जैसे हालात हैं।‘

वहीं, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस घटना को लेकर हमला किया है। उन्होंने कहा कि यह क्रूरता हैं और इसकी निंदा होनी चाहिए। मुझे लगता हैं ये अंत की शुरुआत है। वे निराशा में हैं, राजनीतिक रूप से परेशाना और अवसाद में हैं। इसी वजह से वो बाहुबल दिखा रहे हैं।

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असम पुलिस ने गुरुवार को तृणमूल के प्रतिनिधिमंडल के यहां आने के मद्देनजर बराक घाटी के जिलों खासकर सिलचर शहर में सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी।

तृणमूल के प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन से कहा कि वे लोग दो सदस्यों वाले चार अलग-अगल समूहों में बाहर जाएंगे जिससे धारा 144 का उल्लंघन नहीं होगा। जिला प्रशासन ने इस आग्रह को खारिज कर दिया।

तृणमूल टीम में शामिल महिलाओं समेत कुछ लोग हवाईअड्डे पर प्रतिनिधिमंडल और पुलिस के बीच झड़प में चोटिल भी हो गए।

असम सरकार ने 30 जुलाई को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) मसौदे को प्रकाशित किया जिसमें 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल हैं जबकि कुछ कमियों के चलते मसौदे से 40 लाख लोगों को बाहर रखा गया।

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तृणमूल, खासकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी असम एनआरसी अपडेट प्रक्रिया की मुखर विरोधी रही है। उन्होंने असम से बंगालियों और मुस्लिमों को बाहर निकालने के लिए दिल्ली और असम में सरकार पर साजिश रचने का आरोप लगाया है।

बनर्जी ने यह भी कहा था कि एनआरसी से असम में गृहयुद्ध की स्थिति पैदा हो जाएगी। उन्होंने सरकार से इसे तत्काल रोकने की अपील की।

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एनआरसी के संबंध में भड़काने वाले बयान देने पर चेतावनी दी है और कहा कि एनआरसी के बारे में बाहरी लोगों द्वारा दिए जा रहे बयान को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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(IANS इनपुट के साथ)