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डेरा सच्चा सौदा हिंसा : रात भर बजते रहे फोन, शवों की नहीं हो पाई पहचान

डेरा सच्चा सौदा समर्थकों और पुलिस के बीच शुक्रवार को हुई हिंसक झड़प में 31 में से 28 लोगों ने पंचकूला की सड़कों पर अपनी जान गंवा दी। इनमें से 17 शव पंचकूला सिविल अस्पताल में हैं जिनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।

Updated on: 26 Aug 2017, 11:35 AM

highlights

  • अब तक 31 लोगों की जा चुकी है जान
  • 17 शवों की अब तक कोई पहचान नहीं

नई दिल्ली:

डेरा सच्चा सौदा समर्थकों और पुलिस के बीच शुक्रवार को हुई हिंसक झड़प में अब तक 31 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से 28 लोगों ने पंचकूला की सड़कों पर अपनी जान गंवा चुके हैं। पंचकूला स्थित सिविल अस्पताल में हैं इनको रखा गया है जिनमें से 17 शवों की अब तक कोई पहचान नहीं हो पाई है।

अस्पताल प्रसाशन के अनुसार इन शवों में सबसे कम 15-17 साल और अधिकतम 60 साल तक के लोग शामिल हैं जिसमें से 2 शव महिलाओं के हैं।

अस्पताल में मौजूद लोगों के अनुसार शुक्रवार को हुई हिंसा में मारे गये लोगों की जेब में रात भर फोन बजता रहा पर किसी को फोन उठाने की इजाजत नहीं दी गयी।

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लोगों ने बताया कि डॉक्टरों के अनुसार अगर इनके फोन उठाए गये तो रात में करफ्यू होने के बावजूद इनके परिजन और रिश्तेदार अस्पताल में जमा होने लगेंगें और स्थिति को संभाल पाना और मुश्किल हो जाएगा।

अस्पताल प्रसाशन के अनुसार पीड़ितों में से किसी के पास भी पहचान का कोई भी दस्तावेज़ साथ नहीं है जिससे उनकी पहचान की जा सके और ज्यादातर ग्रामीणों ने कुर्ता पजामा पहने था। उन्होनें कहा कि पोस्टमार्टम लोगों की पहचान हो पाने के बाद ही किया जाएगा।

गौरतलब है कि शुक्रवार शाम 4:30 बजे से पंचकूला स्थित सिविल अस्पताल में घायलों को देखने उनके रिश्तेदारों की भीड़ बढ़ने लगी। 

जब अस्पताल और पुलिस प्रशासन के लिए भीड़ को काबू करना मुश्किल हो गया तब लोगों को अस्पताल से बाहर करके बैरीगेट लगा दिए गये।

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