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शरद यादव ने नोटबंदी पर कहा, 8 नवंबर 2016 देश के लिए 'काला दिवस', सरकार का अपरिपक्व फैसला

जनता दल (युनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य शरद यादव ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले को एक बार फिर अपरिपक्व बताया।

Updated on: 05 Sep 2017, 12:04 AM

highlights

  • शरद यादव ने कहा, 8 नवंबर 2016 देश के लिए 'काला दिवस' था
  • सरकार के फैसले के बाद किसानों की आमदनी 50 से 60 प्रतिशत तक घट गई
  • इस एक फैसले का तीन करोड़ दिहाड़ी मजदूरों की जिंदगी पर बुरा असर पड़ा

 

नई दिल्ली:

जनता दल (युनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य शरद यादव ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले को एक बार फिर अपरिपक्व बताया। सोमवार उन्होंने कहा कि वह यह बात पहले से कहते रहे हैं, अब भारतीय रिजर्व बैंक की हालिया रिपोर्ट से भी यह सही साबित हुआ।

यादव ने कहा, 'आरबीआई की ओर से जारी रिपोर्ट के बाद, मेरा नोटबंदी को लेकर दिया गया बयान सही साबित होता है, जो मैंने तब और समय- समय पर दिया था। नोटबंदी से कुछ भी हासिल नहीं हुआ, जैसा सरकार ने इसे लागू करते समय अपना लक्ष्य बनाया था।'

यादव ने सरकार पर नोटबंदी के नाम पर लोगों को धोखा देने और देशवासियों की कठिनाइयों को हल्के में लेने का आरोप लगाया।

उन्होंने यह भी कहा कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य किए जाने के सरकार के फैसले के बाद किसानों की आमदनी 50 से 60 प्रतिशत तक घट गई, क्योंकि उन्हें अपने अनाज औने-पौने दाम में बेचने पड़े।

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यादव ने कहा, 'सरकार द्वारा लिया गया नोटबंदी का निर्णय अपरिपक्व, जल्दबाजी और जमीनी स्तर पर पड़ने वाले प्रभाव को जाने-समझे बिना लिया गया फैसला था। इस वजह से लोगों को कष्ट, अपमान सहना पड़ा। दुनिया के इतने बड़े लोकतांत्रिक सरकार के लिए ऐसा फैसला लेना मूर्खतापूर्ण था।'

उन्होंने कहा कि आठ नवंबर, 2016 देश के लिए 'काला दिवस' था। हमारी अर्थव्यवस्था का नोटबंदी के प्रभाव से उबरना अभी भी बाकी है।

सरकार को इस बात का अहसास नहीं है कि हमारे ज्यादातर मजदूर असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और उनके साथ क्या हुआ होगा। सरकार के इस एक फैसले का तीन करोड़ दिहाड़ी मजदूरों की जिंदगी पर बुरा असर पड़ा।

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