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राहुल गांधी ने नोटबंदी को बताया 'क्रूर षड्यंत्र', कहा- पीएम मोदी की काला धन सफेद करने की धूर्त स्कीम

नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना. कांग्रेस अध्यक्ष ने नोटबंदी को सोचा-समझा हुआ षड्यंत्र बताया.

Updated on: 09 Nov 2018, 06:15 AM

नई दिल्ली:

नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना. कांग्रेस अध्यक्ष ने नोटबंदी को सोचा-समझा हुआ षड्यंत्र बताया. राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, 'नोटबंदी सोच-समझ कर किया गया एक क्रूर षड्यंत्र था. यह घोटाला प्रधानमंत्री के सूट-बूट वाले मित्रों का काला-धन सफेद करने की एक धूर्त स्कीम थी.' उन्होंने आगे लिखा, 'इस कांड में कुछ भी मासूम नहीं था. इसका कोई भी दूसरा अर्थ निकालना राष्ट्र की समझ का अपमान है.'

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दो साल पहले मोदी की एकतरफा घोषणा से अर्थव्यवस्था चरमरा गई, क्योंकि उन्होंने अपने आर्थिक सलाहकार तक का समर्थन नहीं लिया.

राहुल ने एक बयान में कहा, 'विमुद्रीकरण एक त्रासदी थी. यह हमारी त्रासदियों के इतिहास में अनोखी है, क्योंकि यह खुद को दिया गया दंड व आत्मघाती हमला था, जिसमें लाखों लोग बर्बाद हो गए और हजारों छोटे कारोबार ध्वस्त हो गए. विमुद्रीकरण का सबसे खराब असर अत्यंत गरीब लोगों पर पड़ा. लोगों को कइ दिनों तक अपनी छोटी बचत के लिए कतारों में लगने को बाध्य किया गया.'

राहुल गांधी ने याद दिलाया कि कतारों में 120 लोगों की जानें गईं और लाखों छोटे व मझौले कारोबार ध्वस्त हो गए और संपूर्ण अनौपचारिक क्षेत्र बर्बाद हो गए.

उन्होंने कहा, 'नकली मुद्रा और आतंकवाद के खिलाफ जंग से लेकर काले धन का हमेशा के लिए समाप्त करने और बचत में वृद्धि करने से लेकर डिजिटल लेन-देन में परिवर्तन तक सरकार का कोई एक भी मकसद पूरा नहीं हो पाया है.'

उन्होंने कहा कि सब कुछ मुकम्मल आपदा साबित हुआ. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से भारत में 15 लाख लोगों की नौकरियां गईं और सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में कम से कम एक फीसदी की कमी आई.

राहुल गांधी ने कहा, 'प्रधानमंत्री की भारी भूल, की दूसरी बरसी पर हमारे अक्षम वित्तमंत्री (अरुण जेटली) समेत सरकार के सलाहकार चिंतकों को अरक्षणीय आपराधिक नीति का बचाव करने का अवांछनीचय कार्य सौंपा गया है.'

उन्होंने कहा, 'चाहे सरकार कितना भी छिपाने की कोशिश करे भारत यह पता कर लेगा कि नोटबंदी महज बिना सोची समझी और खराब तरीके से लागू की गई आर्थिक नीति नहीं थी, बल्कि यह सावधानीपूर्वक नियोजित आपराधिक वित्तीय घोटाला थी.'

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चिदंबरम ने मोदी सरकार को घेरा

गुरूवार को नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साध रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पीए चड़ीअम्बाराम ने मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा, राजकोषीय संकट से उभरने के लिए मोदी सरकार आरबीई को अपनी मुट्ठी में करने की कोशिश कर रही है.'

पूर्व वित्त मंत्री ने चेताया कि ऐसे प्रयासों के कारण भारी मुसीबत खड़ी हो सकती है. उन्होंने कहा, 'इस चुनावी साल में सरकार खर्च को बढ़ाना चाहती है. सभी रस्ते बंद होता देख सरकार आरबीआई से उसके आरक्षित कोष से एक लाख करोड़ की मांग की है.'

संववदाताओं से बातचीत के दौरान चिदम्बरंम ने दावा किया कि अगर आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल अपने रुख पर कायम रहते हैं तो केंद्र सरकार की योजना आरबीआई कानून 1934 की धारा-7 के तहत दिशानिर्देश जारी करने की है.

बता दें कि केंद्र ने 8 नवंबर, 2016 को रात आठ बजे अचानक 500 और 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध की घोषणा की थी, जिसे सभी लोग हैरान रह गए थे. 

विपक्ष ने भी साधा निशाना

विपक्ष ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर उसके 2016 नोटबंदी कदम से भारत के प्रत्येक नागरिक को 'तबाह' करने के लिए हमला बोला. विपक्ष ने कहा कि इससे केवल प्रधानमंत्री के घनिष्ठ मित्रों को ही मदद मिली. नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए 'काला दिवस' करार दिया जबकि मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने इसे 'इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला' बताया.