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जानिए क्यों इजरायल के पीेएम नेतन्याहू के तीन मूर्ति चौक पहुंचते ही बदल गया नाम

एयरपोर्ट पर उतरे के साथ ही पीएम मोदी सीध उन्हें अपने कार में बिठाकर तीन मूर्ति चौक पहुंचे।

Updated on: 14 Jan 2018, 04:52 PM

नई दिल्ली:

15 साल के लंबे अंतराल के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 6 दिनों के भारत दौरे पर आज दिल्ली पहुंचे। एयरपोर्ट पर उतरे के साथ ही पीएम मोदी सीध उन्हें अपने कार में बिठाकर तीन मूर्ति चौक पहुंचे।

तीन मूर्ति पर पीएम नेतन्याहू ने पहुंचते ही प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जिसके बाद तीन मूर्ति चौक का नाम बदल दिया गया। इस चौक में इजरायल के एक शहर का नाम जोड़ दिया गया।

निश्चित तौर पर आप इसका कारण जानना चाहते होंगे। हम आपको बताते हैं आखिर क्यों तीन मूर्ति चौक का नाम अब तीन मूर्ति हाइफा चौक के नाम से जाना जाएगा और इस मार्ग का नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा मार्ग कर दिया गया।

दरअसल 1914- 1918 के बीचे हुए पहले विश्व युद्ध में भारतीय सेना के तीन रेजमेंट हैदराबाद, जोधपुर और मैसूर लांसर्स ने भी हिस्सा लिया था। यह तीनों ही रेजीमेंट 15 इम्पीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड का हिस्सा रहा है।

युद्ध के दौरान भारतीय जवानों ने इजरायल के हाइफा शहर को दुश्मनों से आजाद कराया था जिसमें करीब 44 भारतीय जवानों को अपनी शहादत देनी पड़ी थी। हालांकि उस वक्त भारतीय जवान ब्रिटिश आर्मी के अधीन थे और उन्हीं की तरफ से युद्ध लड़ रहे थे।

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इन्हीं वीर सैनिकों की याद में दिल्ली के तीन मूर्ति भवन के पास तीन मूर्ति चौक बनाया गया जहां तीन रेजीमेंट के शहीद हुए जवानों की याद में तीन स्टेच्यू लगाए गए।

इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने उन्हीं शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जिसके बाद तीन मूर्ति चौक के नाम के साथ इजरायल के उस शहर हाइफा का नाम जोड़ दिया गया जिसके लिए जवानों ने अपनी जान दी थी।

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