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टेरर फंडिंग केस: पाटियाला हाउस कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के तीन व्यक्तियों को दोषी करार दिया

दिल्ली की पाटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को 2011 के आतंकी फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर के तीन व्यक्तियों को दोषी करार दिया और उनकी पहले से चल रही सजा को बरकरार रखा है।

Updated on: 05 Jun 2018, 08:32 AM

highlights

  • 2011 के आतंकी फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर के तीन व्यक्ति दोषी करार
  • पाकिस्तान से हवाला के जरिये 4.57 करोड़ रुपये इकट्ठा करने का मामला
  • एनआईए ने 2011 में तीनों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी

नई दिल्ली:

दिल्ली की पाटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को 2011 के आतंकी फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर के तीन व्यक्तियों को दोषी करार दिया और उनकी पहले से चल रही सजा को बरकरार रखा है।

जिला और सेशन जज पूनम ए बांबा ने 4.57 करोड़ रुपये के इस मामले में मोहम्मद सादिक गनई, गुलाम जीलानी लिलो और फारूक अहमद दग्गा को दोषी पाया है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, तीनों दोषी व्यक्तियों ने जम्मू-कश्मीर में गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान से हवाला के जरिये फंड इकट्ठा किया था।

गैरकानूनी गतिविधि निषेध कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कोर्ट ने 2012 में इन सभी के खिलाफ आरोप दर्ज किया था।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2011 में तीनों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी।

चार्जशीट में कहा गया था कि साल 2008-2011 के बीच तीनों ने कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान से हवाला के जरिये 4.57 करोड़ रुपये से अधिक इकट्ठा किए थे।

एनआईए ने कहा था कि गनई ने दिल्ली स्थित राज कुमार और उसके रिश्तेदार राजीव ननकनी से करीबी दोस्ती बनाई थी और हवाला के जरिये रुपया इकट्ठा करने के लिए उनको प्रेरित किया था।

बता दें कि ये सभी दोषी 22 जनवरी 2011 में गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में थे।

इसी मामले में एक और आरोपी गुलाम मोहम्मद भट्ट न्यायिक हिरासत में है जो कि हुर्रियत नेता सैयद अली गिलानी का बेहद करीबी माना जाता है।

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