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दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने केंद्र से मांगा जवाब, ड्यूटी के बीच सरकारी कर्मचारियों को नमाज के लिए छुट्टी की मांग

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को ऑफिस के घंटों के बीच शुक्रवार को नमाज पढ़ने की इजाजत पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के पक्ष पर स्पष्टीकरण मांगा है।

Updated on: 29 Apr 2018, 07:55 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को ऑफिस के घंटों के बीच शुक्रवार को नमाज पढ़ने की इजाजत पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के पक्ष पर स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि मुस्लिम शिक्षकों के एक समूह ने मदद की मांग को लेकर चेयरमैन ज़फरउल इस्लाम खान से मुलाकात की जिसके बाद आयोग ने यह सवाल केंद्र से किया।

खान ने कहा कि मुस्लिम शिक्षकों के एक समूह ने उनसे मुलाकात कर शुक्रवार को होने वाली नमाज में भाग लेने की कठिनाई का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि स्कूल में 1 बजे से 15 मिनट पहले पहुंचने की जरूरत होती है जिस कारण वो नमाज में शामिल नहीं हो पाते हैं।

शिक्षकों ने 1954 में दिए गए सरकार के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि मुस्लिम शिक्षकों के पास शुक्रवार को नमाज में शामिल होने का अधिकार है। हालांकि इस फैसले के तहत शिक्षकों की तनख्वाह से ऑफिस के घंटों का उपयोग करने के लिए कटौती की जा सकती है।

खान ने कहा,' हमने केंद्रीय गृह सचिव को इस बारे में एक पत्र लिख कर सवाल पूछा है कि क्या 1954 में दिया गया सरकार का आदेश अभी भी मौजूद है और इस मुद्दे पर वर्तमान में क्या स्थिति है। हमें जवाब का अभी भी इंतजार है।'

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आयोग ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (डीओई) और नगर पालिका से भी इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है।

शिक्षा निदेशालय ने सवाल के जवाब में कहा है कि समुदाय विशेण के शिक्षकों को इस तरह की छूट दे पाना असंभव है क्योंकि इससे छात्रों के हितों को नुकसान होगा। कमीशन को अभी तक एमसीडी से अपने नोटिस का जवाब नहीं मिला है।

आयोग ने कहा कि अगर उन्हें जरूरत पड़ी तो वो इस मामले पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया से मिल कर उनके दखल की मांग करेंगे।

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