शरद यादव की सदस्यता पर दिल्ली हाइकोर्ट में होगी तत्काल सुनवाई
जेडीयू से निकाले गए नेता की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के लिये मंज़ूर कर ली है। शरद यादव ने राज्यसभा से अपनी सदस्यता रद्द किये जाने के खिलाफ याचिका दायर की है।
नई दिल्ली:
जेडीयू से निकाले गए नेता की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के लिये मंज़ूर कर ली है। शरद यादव ने राज्यसभा से अपनी सदस्यता रद्द किये जाने के खिलाफ याचिका दायर की है।
शरद यादव की याचिका कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरि शंकर की खंडपीठ में तत्काल सुनवाई की सूची में रखा गया है। क्योंकि संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होने वाला है। शरद यादव ने भी कहा है कि अगर इस पर जल्द सुनवाई नहीं हुई तो वो संसद की कार्यवाही में भाग नहीं ले पाएंगे।
शरद यादव के वकील निज़ाम पाशा ने कहा कि रद्द की गई सदस्यता पर एक अंतरिम रोक लगाए जाने की ज़रूरत है।
हालांकि जेडीयू के वकील राम चंद्र प्रसाद सिंह ने शारद यादव की मांग की विरोध किया लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका को तत्काल सुनवाई के लिये स्वीकार कर लिया।
शरद यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि उनकी सदस्यता रद्द करने से पहले राज्यसभा करे सभापति ने उनका पक्ष नहीं सुना और उनके खिलाफ और एक अन्य सदस्य अली अनवर के खिलाफ आदेश जारी कर दिया गया।
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आरजेडी से नाता तोड़ बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के बाद शरद यादव और अली अनवर नीतीश कुमार से बगावत कर दिया था। जिसके बाद उन्हें जेडीयू से निकाल दिया गया।
यादव और अनवर की सदस्यता रद्द करने के समय राज्यसभा के सभापति ने जेडीयू के तर्क का समर्थन किया था। जेडीयू का कहना था कि पार्टी के निर्देश का उल्लंघन करने के कारण दोनों वरिष्ठ नेताओं की सदस्यता स्वतः ही खत्म हो जाती है।
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