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हाईकोर्ट ने कहा- JNU प्रोफेसर जौहरी छात्राओं से रहें दूर, कहा- महिला हॉस्टल के वार्डन का प्रभार न संभालें

कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि प्रोफेसर जौहरी को विश्वविद्यालय परिसर में ऐसे किसी छात्रावास के वॉर्डन का प्रभार नहीं दिया जाना चाहिए जिसमें महिलाएं रह रही हो।

Updated on: 03 May 2018, 12:31 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न के आरोपी जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के प्रोफेसर अतुल जौहरी को छात्राओं से दूर रहने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि प्रोफेसर जौहरी को विश्वविद्यालय परिसर में ऐसे किसी छात्रावास के वॉर्डन का प्रभार नहीं दिया जाना चाहिए जिसमें महिलाएं रह रही हो। 

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी से वीसी को पैनल में किसी महिला प्रफेसर को शामिल करके इसके फिर से गठन का सुझाव देने को भी कहा है ताकि छात्राएं आराम से गवाही दे सकें।

कोर्ट ने प्रोफेसर को जीव विज्ञान विभाग के प्रयोगशाला संख्या 409 नहीं जाने को कहा है क्योंकि वहां छात्राएं रिसर्च वर्क करती हैं।

हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी से इस बात पर भी ध्यान देने को कहा है कि क्या फैक्ट फाइंडिंग कमिटी द्वारा अपनी रिपोर्ट दिए जाने के बाद जौहरी को कैंपस से बाहर भेजा जा सकता है।

जौहरी के वकील ने कोर्ट को बताया था कि उन्होंने प्रशासनिक कार्य से इस्तीफा दे दिया है और अब किसी हॉस्टल के वार्डन या किसी कमिटी के सदस्य नहीं हैं। इसके बाद कोर्ट की ओर से यह निर्देश आया है।

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प्रफेसर के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने जो फैक्ट फाइंडिंग कमिटी का गठन किया है, उसमें किसी महिला के नहीं होने पर जस्टिस राजीव शकधर ने सवाल किया है।

हाई कोर्ट ने कहा, 'फैक्ट फाइंडिंग कमिटी में दो पुरुष प्रफेसर को रखा गया है। किसी महिला प्रफेसर को शामिल क्यों नहीं किया गया? किसी पुरुष सदस्य के सामने छात्राएं ढंग से जवाब कैसे देंगी।'

अदालत उन कई छात्राओं की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है जिन्होंने प्रोफेसर को निलंबित करने की मांग की गई है। प्रोफेसर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आठ प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं।

छात्राओं की ओर से पेश हुई वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि कई अन्य छात्राओं ने पुलिस को एक पत्र लिख कर कहा है कि वो सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं और डर के साये में जी रही हैं क्योंकि प्रोफेसर ने विभाग में आना जाना जारी रखा है।

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए वकील सत्यकाम ने अदालत को बताया कि जांच चल रही है और उन्होंने एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है। उन्होंने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख 23 मई से पहले एक और रिपोर्ट दाखिल की जाएगी।

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बता दें कि जेएनयू के स्कूल ऑफ लाइफ साइंस (एसएलएस) की नौ छात्राओं ने प्रोफेसर अतुल जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराया था।

एफआईआर के बाद प्रोफेसर को मार्च में गिरफ्तार भी किया गया था लेकिन कुछ ही घंटों में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी।

शिकायतकर्ताओं के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी इसलिए उनके निलंबन और कैंपस में प्रवेश पर रोक के लिए याचिका दायर की थी।

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