अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली को घेरा, पूछा- विजय माल्या से मुलाकात को क्यों छुपाया?
भारत में भगोड़ा घोषित किया जा चुके शराब करोबारी विजय माल्या की भारत छोड़ने से वित्त मंत्री से मुलाकात की खबर ने राजनीती खेमे में हलचल पैदा कर दी है।
नई दिल्ली:
भारत में भगोड़ा घोषित किया जा चुके शराब करोबारी विजय माल्या की वित्त मंत्री से मुलाकात की खबर ने राजनीती खेमे में हलचल पैदा कर दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे 'बेहद चौंका' देने वाला बताया है। इस मामले पर केजरीवाल ने ट्वीट कर केंद्र सरकार को घेरा। केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, 'नीरव मोदी देश छोड़ने से पहले पीएम मोदी से मिलता है। विजय माल्या के देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री उससे मिलते हैं। इन बैठकों में क्या हुआ? लोग जानना चाहते हैं।'
PM Modi meets Neerav Modi before he flees the country. FM meets Vijay Mallya before he flees India. What transpired in these meetings? People want to know.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 12, 2018
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट की श्रृंखला में वित्त मंत्री अरुण जेटली को घेरते हुए सवाल पूछे। ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'वित्त मंत्री ने अभी तक ये बात क्यों छुपाई हुई थी? यह बेहद चौंका देने वाला है।'
Why did the Finance Minister hide this information till now? https://t.co/KSR13ODOQx
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 12, 2018
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पिछले 18 महीनों से कांग्रेस बार-बार जोर दे रही है कि न केवल विजय माल्या बल्कि नीरव मोदी, चोकसी और कई अन्य को सज़ा से छूट दी गई है।
Congress has been repeatedly asserting for last over 18 months that not only Vijay Mallya but Nirav Modi, Choksi & many others have been allowed with impunity: Abhishek Manu Singhvi, Congress on Vijay Mallya's claim that he met the finance minister Arun Jaitley before he left. pic.twitter.com/g8Wzqg5Qbj
— ANI (@ANI) September 12, 2018
और पढ़ें: विजय माल्या के दावे को अरुण जेटली ने बताया झूठा, कहा- मुझसे मिलने का तथ्य फर्जी
बुधवार को लंदन में वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर विजय माल्या ने दावा किया कि उसने भारत छोड़ने से पहले मामले के निपटारे के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। इससे पहले माल्या ने कहा कि वित्त मंत्री से मुलाकात कर देश छोड़ने से पहले बैंकों से सेटलमेंट का ऑफर दोहराया था। उन्होंने कहा कि बैंक ने मेरे सेटलमेंट पत्र पर आपत्ति दायर की थी।
इस मामले पर सफाई देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माल्या के आरोपों को ख़ारिज कर दिया। जेटली ने कहा, 'माल्या राज्य सभा के सदस्य थे और कभी-कभी सदन में आते थे तो एक बार जब मैं सदन से निकल रहा था तो उसने विशेषाधिकार का गलत उपयोग किया। उन्होंने मुझे पकड़ने के लिए कदम बढ़ाया और चलते हुए एक वाक्य कहा कि 'मैं समझौते के लिए ऑफर कर रहा हूं।'
और पढ़ें: भगोड़े विजय माल्या का दावा- देश छोड़ने से पहले सेटलमेंट के लिए वित्त मंत्री से की थी मुलाकात
बता दें कि माल्या पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) समेत देश के कुल 13 बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपये बकाया है। वे भारतीय अदालतों और जांच एजेंसियों द्वारा विभिन्न मामलों के मुकदमे में पेश होने के समन के बावजूद लंदन में हैं।
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