नेहरू के कारण हुआ बंटवारा, जिन्ना बनते पीएम तो नहीं बनता पाकिस्तान: दलाई लामा
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू अगर आत्मकेंद्रित नहीं होते तो आज भारत और पाकिस्तान एक देश होता है।
पणजी:
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू अगर आत्मकेंद्रित नहीं होते तो आज भारत और पाकिस्तान एक देश होता है। उन्होंने कहा कि नेहरू अनुभवी थे, लेकिन फिर भी भूल तो हो ही जाती है।
दलाई लामा ने पणजी से करीब 30 किलोमीटर दूर उत्तर गोवा के सांकेलिम गांव में गोवा प्रबंधन संस्थान में आयोजित परिचर्चा के दौरान एक छात्र के सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'महात्मा गांधी प्रधानमंत्री का पद (मोहम्मद अली) जिन्ना को देना चाहते थे, लेकिन नेहरू ने मना कर दिया। वह आत्मकेंद्रित थे। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री बनना चाहता हूं। अगर जिन्ना को प्रधानमंत्री उस समय बनाया गया होता तो भारत और पाकिस्तान संयुक्त होता। पंडित नेहरू बहुत अनुभवी थे, लेकिन भूल तो हो ही जाती है।'
दलाई लामा गोवा प्रबंधन संस्थान के 25 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता थे। कार्यक्रम में 'आज के संदर्भ में भारत के प्राचीन ज्ञान की प्रासंगिकता' विषय पर वह व्याख्यान दे रहे थे।
और पढ़ें: भारत पेट्रोलियम के प्लांट में जबरदस्त विस्फोट के बाद लगी भीषण आग, 43 लोग घायल
विद्यार्थियों से बातचीत से पहले दलाई लामा ने भारत के पारंपरिक ज्ञान का शिक्षा के आधुनिक पहलुओं में विलय पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कहा, 'भारत की संस्कृति में परंपरा और ज्ञान समाहित है। अहिंसा की धरती परंपरागत ज्ञान का कड़ाह है, जिसमें चिंतन, करुणा, धर्मनिरपेक्षता और कई अन्य बातें शामिल हैं।'
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य