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JDU की अल्टीमेटम बैठक से पहले तेजस्वी के इस्तीफे की अटकलें तेज, कल हो सकता है बड़ा फैसला

पटना में रविवार को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायकों की बैठक से पहले उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई हैं।

Updated on: 15 Jul 2017, 09:39 PM

highlights

  • जेडीयू की अल्टीमेटम बैठक से पहले तेजस्वी यादव के इस्तीफे की अटकलें तेज
  • भ्रष्टाचार के मामले में FIR होने के बाद पहली बार मंच पर एक साथ नहीं दिखे नीतीश-तेजस्वी

नई दिल्ली:

पटना में रविवार को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायकों की बैठक से पहले उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई हैं।

तेजस्वी यादव के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में जेडीयू ने आरजेडी को चार दिनों का अल्टीमेटम दिया था, जो रविवार को खत्म हो रहा है।

रविवार को पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आधिकारिक निवास पर पार्टी के विधायकों की बैठक तय है। माना जा रहा है कि बैठक से पहले इस्तीफा नहीं दिए जाने की स्थिति में जेडीयू कोई बड़ा फैसला ले सकती है।

हालांकि अभी तक आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, तेजस्वी को उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने पर अड़े हुए हैं, लेकिन अब जेडीयू ने भी अपने तेवर कड़े कर लिए हैं।

आरजेडी विधायक रामचंद्र पूर्वे के ज्यादा विधायक होने का बयान दिए जाने के बाद जेडीयू ने यह कहने में देर नहीं लगाई कि लालू यादव की पार्टी को ज्यादा विधायकों की संख्या का घमंड दिखाने की बजाए आरोपों से बेदाग होकर निकलने की जरूरत है।

महागठबंधन में घमासान: जेडीयू ने चेताया, 80 विधायकों का घमंड दिखाने से बाज आए RJD

243 सीटों वाले विधानसभा में आरजेडी के 80 विधायक हैं जबकि जेडी-यू के 71 विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के 27 विधायक हैं। बिहार में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस की महागठबंधन है। विधानसभा में बीजेपी के 53 विधायक हैं।

इसके साथ ही जेडीयू ने साफ कर दिया कि नीतीश कुमार की छवि की वजह से ही पिछले विधानसाभ चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल को 80 सीटें मिली। महागठबंधन में जेडीयू और आरजेयी के बीच बढ़ते तनाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक करने वाली है।

इस बीच पटना में तेजी से बदलता घटनाक्रम महागठबंधन में लगातार चौड़ी होती दरार को बयां कर रहा है।

शनिवार को मुख्यंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एक मंच पर साथ नहीं आए। दोनों नेताओं को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में एक साथ मंच पर आना था लेकिन यहां तेजस्वी नहीं दिखे। तेजस्वी की गैर मौजूदगी के बाद मंच से उनके नेमप्लेट को हटा दिया गया।

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भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद पहली बार तेजस्वी यादव किसी सार्वजनिक मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ नजर नहीं आए।

तेजस्वी की गैर-मौजूदगी ही कल होने वाली जेडीयू की बैठक से पहले उनके इस्तीफे की अटकलों को हवा दे रही है। खबरों के मुताबिक रांची से लालू यादव के लौटने के बाद तेजस्वी के इस्तीफे का ऐलान किया जा सकता है।

हालांकि लालू यादव साफ कर चुके हैं कि महज एफआईआर के आधार पर तेजस्वी यादव से इस्तीफा नहीं लिया जा सकता। जबकि जेडीयू तेजस्वी के इस्तीफे पर अड़ी हुई है।

जेडीयू के वरिष्ठ नेता के सी त्यागी कह चुके हैं कि भ्रष्टाचार पर नीतीश कुमार का रुख जगजाहिर है। वह कभी भी इस पर समझौता नहीं करेंगे।

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