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कांग्रेस ने कहा-2G घोटाला BJP और पूर्व CAG की साजिश, देश से माफी मांगे पीएम मोदी

सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बयान पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने जवाबी पलटवार किया है।

Updated on: 21 Dec 2017, 02:18 PM

highlights

  • 2जी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के बाद कांग्रेस ने की बीजेपी से माफी की मांग
  • कांग्रेस ने कहा मोदीजी, बीजेपी, विनोद राय ने मिलकर 2जी के तौर पर यूपीए के खिलाफ साजिश रची

नई दिल्ली:

देश का सबसे बड़ा घोटाला माने जाने वाले 2जी स्कैम में पूर्व संचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश से माफी की मांग की है।

सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बयान पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जवाबी पलटवार किया है।

सुरजेवाला ने कहा कि दरअसल 2जी घोटाला एक साजिश थी, जिसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक विनोद राय के साथ मिलकर रचा था।

जेटली को झूठों का सरदार बताते हुए जेटली ने कहा, 'झूठ के काले बादल छंट गए। सीबीआई अदालत ने साबित किया कि सत्य की जीत हुई। मोदीजी, बीजेपी, विनोद राय ने साजिश रची जिसे बेनकाब कर दिया गया। क्या वह सभी देश से माफी मांगेंगे।'

पूर्व सीएजी विनोद राय को बीजेपी का एजेंट बताते हुए उन्होंने कहा कि झूठ को सीढ़ी बनाकर बीजेपी सत्ता तक पहुंची। गौरतलब है कि यूपीए-2 सरकार के शासनकाल में 2G घोटाले को बीजेपी ने बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था।

गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत में इस मामले के सभी आरोपियों को बरी किए जाने के बाद कांग्रेस और विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। 

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हालांकि सरकार का बचाव करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि कांग्रेस यूपीए सरकार के दौरान लाइसेंस आवंटन में भ्रष्टाचार हुआ और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस प्रक्रिया को गलत माना था।

उन्होंने कहा, 'लाइसेंस आवंटन के लिए यूपीए सरकार का तरीका भ्रष्ट और बेईमानी भरा था, और 2012 में यह बात सुप्रीम कोर्ट में साबित हो चुकी है।'

वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेसी नेता इस फैसले को प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहे हैं और ऐसा लग रहा है मानो इस बात पर मुहर लग गई है कि उनकी नीति सही थी।

आक्रामक कांग्रेस ने कहा कि वह इस पूरे मामले को लेकर सरकार के खिलाफ संसद से सड़क तक संघर्ष करेगी।

गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव को आधार बनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की ओर से पेश किए गए रिकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत नही है जो उनके अपराध को साबित करता हो।

फिर चाहे वह कट ऑफ डेट के फिक्स करने, पहले आओ पहले पाओ नीति में फेरबदल, ड्यूल टेक्नोलॉजी वाली कंपनियों को स्पेक्ट्रम देने या फिर कलिंगनार टीवी को 200 करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर देने का आरोप हो।

जज सैनी ने कहा कि पूरी बहस का नतीजा यह है कि मुझे यह कहने में बिल्कुल भी संकोच नहीं है कि आरोपियों के खिलाफ चार्जर्शीट में रखे गए आरोपों को साबित करने में अभियोजन पक्ष पूरी तरह से नाकाम रहा।

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