जालियांवाला बाग नरसंहार की बरसी पर शताब्दी समारोह आज, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी पहुंचे
वहां एक शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पंजाब के राज्यपाल शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे.
नई दिल्ली:
अमृतसर के जलियांवाला बाग नरसंहार कांड के शनिवार को 100 साल पूरे हो रहे हैं. शनिवार को वहां एक शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पंजाब के राज्यपाल शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. इस मौके पर शहीदों की याद में सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी सुबह 8 बजे वहां शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. कार्यक्रम के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. पंजाब पुलिस के अलावा बीएसएफ को भी तैनात किया गया है. राहुल गांधी शुक्रवार रात्रि में ही अमृतसर पहुंच गए थे. राहुल गांधी ने श्री अकाल तख्त गोल्डन टेंपल में माथा टेका. उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी मौजूद रहे.
The #JallianwalaBaghMassacre remains a blot on Britain’s face and we want an unequivocal official apology from them. Regret by their PM @theresa_may is not enough for such a monumental barbarity. pic.twitter.com/3L14FE6aQF
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) April 12, 2019
जलियांवाला बाग हत्याकांड का इतिहास
सौ साल पहले 13 अप्रैल 1819 को बैसाखी के दिन एक बाग़ में करीब 15 से बीस हज़ार हिंदुस्तानी इकट्ठा हुए थे. सभा पंजाब के दो लोकप्रिय नेताओं की गिरफ्तारी और रॉलेट एक्ट के विरोध में रखी गई थी. इसी बीच ब्रिटेन के जल्लाद अफसर जनरल डायर 90 सैनिकों के साथ वहां पहुंचा और सभा कर रहे लोगों पर गोली चलवा दी.
तब करीब 1650 राउंड गोलियां चली थीं, क्योंकि अंग्रेजों के पास गोलियां खत्म हो गई थीं. जान बचाने के लिए लोग एक कुएं में कुद गए थे, जिसमें से बाद में 120 लाशें निकाली गई थीं. हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने जालियांवाला बाग हत्याकांड के लिए खेद जताया है.
अंग्रेजी सरकार जालियांवाला बाग में 379 लोगों के मारे जाने की बात कहती रही है, जबकि वहां 1000 से अधिक भारतीय मारे गए थे. इसी का बदला उधम सिंह ने लंदन में बम फेंककर बदला लिया था.
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री ने बताया शर्मनाक
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने जलियांवाला नरसंहार कांड की 100वीं बरसी पर बुधवार को इस कांड को ब्रिटिश भारतीय इतिहास में 'शर्मसार करने वाला धब्बा' करार दिया, लेकिन उन्होंने इस मामले में औपचारिक माफी नहीं मांगी. हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रधानमंत्री ने इस घटना के लिए खेद जताया, जो ब्रिटिश सरकार पहले ही जता चुकी है.
उन्होंने कहा, ''जो कुछ हुआ और लोगों को वेदना झेलनी पड़ी, उसके लिए हमें गहरा खेद है. मैं खुश हूं कि आज ब्रिटेन-भारत के संबंध साझेदारी, सहयोग, समृद्धि और सुरक्षा के हैं. भारतवंशी समुदाय ब्रिटिश समाज में बहुत योगदान दे रहा है और मुझे विश्वास है कि पूरा सदन चाहेगा कि ब्रिटेन के भारत के साथ संबंध बढ़ते रहें."
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