logo-image

जहां कहीं भी बीजेपी सरकार में है, वहां दलितों को 'पीटा गया है और दबाया गया है': राहुल गांधी

कांग्रेस नेता देश की राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर दलितों और जनजातीय समुदाय द्वारा आयोजित एक प्रदर्शन रैली को संबोधित कर रहे थे।

Updated on: 09 Aug 2018, 05:14 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस न्यायाधीश को दोबारा नौकरी देकर सरकार की दलित विरोधी मानसिकता पर मुहर लगा दी, जिन्होंने दलितों के खिलाफ अत्याचार को रोकने के प्रावधान वाले अधिनियम को कमजोर करने के आदेश पारित किए थे। राहुल ने कहा कि केंद्र और राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकारों के दिल में दलितों के लिए कोई जगह नहीं है।

कांग्रेस नेता देश की राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर दलितों और जनजातीय समुदाय द्वारा आयोजित एक प्रदर्शन रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, 'अगर मोदीजी के दिल में दलितों के लिए जगह होती, तब दलितों के लिए बनाई गई नीतियां अलग होतीं।'

राहुल ने कहा कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने एक किताब में लिखा था कि 'दलितों को सफाई करने में आनंद मिलता है। यह उनकी (मोदीजी) विचारधारा है।'

ये भी पढ़ें: क्या है नेशनल हेराल्ड केस, क्यों आरोपी हैं राहुल और सोनिया गांधी?

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम को कांग्रेस सरकार लाई थी, जब उनके पिता राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे।

उन्होंने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के चेयरमैन के रूप में न्यायमूर्ति एके गोयल की नियुक्ति की ओर इशारा करते हुए कहा, 'लेकिन, मोदीजी ने इसे कमजोर करने की इजाजत दी और जिस न्यायाधीश ने इस अधिनियम को कमजोर करने के आदेश दिए, उसे पदोन्नति दी गई।'

न्यायमूर्ति गोयल और न्यायमूर्ति यूयू ललित ने 20 मार्च को अपने आदेश में इस अधिनियम के राजनीतिक या निजी कारणों के लिए दुरुपयोग करने का हवाला दिया था। दोनों न्यायाधीश ने अधिनियम के प्रावधान को हल्का करने का आदेश दिया था। साथ ही कहा था कि आगे से इस अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज होने पर गिरफ्तारी से पहले से प्रारंभिक जांच करनी होगी और अग्रिम जमानत भी दी जा सकेगी।

दलितों ने इस आदेश का व्यापक विरोध किया। न्यायमूर्ति गोयल 6 जुलाई को सर्वोच्च न्यायलय से सेवानिवृत्त हुए और उसी दिन उन्हें एनजीटी का चेयरमैन बनाया गया।

सरकार ने हालांकि 1989 के अधिनियम में संशोधन किया, जिसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया गया और आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधानों को बहाल कर दिया गया। यह संशोधन लोकसभा में मंगलवार को पास हुआ।

राहुल ने अपने भाषण में कहा कि यह देश में दलितों के हितों की रक्षा के लिए काफी नहीं है। जहां कहीं भी बीजेपी सरकार में है, वहां दलितों को 'पीटा गया है और दबाया गया है।'

हैदराबाद विश्वविद्यालय के पीएचडी के एक छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि दलितों को कुचला जाता है, अगर वह अपनी जिंदगी में आगे बढ़ते हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, 'हम ऐसा भारत नहीं बनाना चाहते हैं जहां दलितों को कुचला जाए। हम ऐसा भारत चाहते हैं जहां सभी आगे बढ़ें।'

राहुल ने यह भी कहा कि उनकी (मोदी की) सोच दलित-विरोधी है। पूरा देश उनके, बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ उठ खड़ा होगा।

ये भी पढ़ें: केरल में भारी बारिश ने ली 20 की जान, कोच्चि एयरपोर्ट और रेल सेवा बंद, मदद के लिए बुलाई गई सेना