logo-image

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने की साध्वी प्रज्ञा को पार्टी से बाहर करने की मांग, जानिए कारण

साध्वी प्रज्ञा मध्यप्रदेश के भोपाल से बीजेपी की प्रत्याशी हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ लोकसभा चुनाव में उतरी हैं. साध्वी प्रज्ञा ने दिग्विजय और कांग्रेस पार्टी पर ही आरोप नहीं लगाए बल्कि, मालेगांव धमाके की जांच करने वाले अधिकारी हेमंत करकरे पर भी आरोप लगाए हैं.

Updated on: 19 Apr 2019, 12:32 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण का मतदान भी पूरा हो गया अब धीरे-धीरे राजनेताओं की चुनावी बयानबाजियों में तेजी आनी शुरू हो गई हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से साध्वी प्रज्ञा को बाहर करने की मांग की है. अल्वी ने न्यूज नेशन से बातचीत में बताया कि साध्वी प्रज्ञा ने 26/11 के शहीद हेमंत करकरे का अपमान किया है, जिसके लिए उसे पार्टी से बाहर निकाला जाना चाहिए.


आपको बता दें कि साध्वी प्रज्ञा मध्यप्रदेश के  भोपाल से बीजेपी की प्रत्याशी हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ लोकसभा चुनाव में उतरी हैं. साध्वी प्रज्ञा ने दिग्विजय और कांग्रेस पार्टी पर ही आरोप नहीं लगाए बल्कि, मालेगांव धमाके की जांच करने वाले अधिकारी हेमंत करकरे पर भी आरोप लगाए हैं. हेमंत करकरे वह इंसान हैं जिन्होंने 26/11 मुंबई हमलों के दौरान आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी शहादत दी. प्रज्ञा के लगाए गए ये आरोप एक शहीद की शहादत पर सवाल उठाते हैं. उन्होंने आगे कहा कि, मुझे अफसोस है कि यह सब कुछ होने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ कोई कार्यवाही क्यों नहीं की..?

महागठबंधन पर नरम, सेकुलर मोर्चा की संभावना से इंकार नहीं
राशिद अल्वी ने कहा कि अगर माया मुलायम साथ आते हैं तो इससे कांग्रेस को बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला. हम चाहते हैं कि बीजेपी के खिलाफ तमाम शक्तियां एकजुट हो, चुनाव के बाद भी सेकुलर दलों के एकजुट होने से इनकार नहीं किया जा सकता. कांग्रेस ने कोशिश चुनाव से पहले भी की थी ताकि, बीजेपी के खिलाफ विपक्ष एकजुट रहे.


जेट के संकट की जिम्मेदार सरकार
केंद्र सरकार हर एक संकट के लिए कांग्रेस के शासनकाल को जिम्मेवार नहीं ठहरा सकती। जेट एयरवेज की जो हालत है उसके पीछे केंद्र सरकार की नीतियां हैं। अगर आज हजारों लोग बेरोजगार हुए हैं तो इसके पीछे भी केंद्र सरकार है, केंद्र सरकार को इन लोगों के लिए रास्ता निकालना चाहिए.