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हार के बाद हाहाकार: सपा के बाद कांग्रेस ने भी पार्टी प्रवक्‍ताओं को लेकर उठाया यह बड़ा कदम

कांग्रेस के मीडिया विंग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी है.

Updated on: 30 May 2019, 10:19 AM

नई दिल्‍ली:

कांग्रेस का कोई भी प्रवक्‍ता अब एक महीने तक टीवी पर पार्टी का पक्ष नहीं रख सकेगा. पार्टी ने इसके लिए सभी प्रवक्‍ताओं को मना किया है. साथ ही टीवी चैनलों के संपादकों से अनुरोध किया है कि वे अपने डिस्‍कशन में कांग्रेस के किसी प्रवक्‍ता को नामित न करें. कांग्रेस के मीडिया विंग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी है.

लोकसभ चुनाव 2019 में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी ने यह फैसला किया है. कांग्रेस को इस चुनाव में केवल 52 सीटें हासिल हुई हैं. हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले पार्टी की सीटों में 7 अंक का इजाफा हुआ है, लेकिन यह आशानुरूप प्रदर्शन नहीं कहा जा सकता. पार्टी के करीब 8 भूतपूर्व मुख्‍यमंत्री चुनाव हार गए हैं और 17 राज्‍यों में तो पार्टी खाता भी नहीं खोल पाई है. यहां तक कि अमेठी जैसी परंपरागत सीट से राहुल गांधी चुनाव हार गए हैं और उत्‍तर प्रदेश में रायबरेली छोड़कर पार्टी के पास कोई सीट नहीं है. पूरे देश में केवल केरल में कांग्रेस दहाई का आंकड़ा पार कर सकी है, जबकि पंजाब में उसे 8 सीटें मिली हैं.

इससे पहले समाजवादी पार्टी ने भी मिली करारी हार के बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी के सभी प्रवक्ताओं का मनोनयन तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया था. इसमें राजीव राय, जूही सिंह, नावेद सिद्दीकी, जगदेव सिंह यादव, उदयवीर सिंह, घनश्याम तिवारी, सुनील सिंह यादव, संजय लाठर, सैय्यद अब्बास अली उर्फ रूश्दी मियां, राजपाल कश्यप, वंदना सिंह, शवेंद्र विक्रम सिंह, नासिर सलीम, अनुराग भदौरिया, अब्दुल हफीज गांधी, पवन पांडेय, प्रोफेसर अली खान, निधि यादव, राजकुमार भाटी, ऋचा सिंह, मनोज राय धुपचंडी, जितेंद्र उर्फ जीतू, फैजान अली किदवई और राम प्रताप सिंह शामिल थे.