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अगस्ता-वेस्टलैंड पर बढ़ी रार, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लगाया कंपनी को ब्लैक लिस्ट से निकालने का आरोप

अगस्ता-वेस्टलैंड (AgustaWestland) हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल के भारत प्रत्यर्पित होने के बाद से ही देश में राजनीति तेज हो गई है

Updated on: 05 Dec 2018, 10:15 PM

नई दिल्ली:

अगस्ता-वेस्टलैंड (AgustaWestland) हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल के भारत प्रत्यर्पित होने के बाद से ही देश में राजनीति तेज हो गई है. मिशेल को भारत लाए जाने के बाद पीएम मोदी ने एक चुनावी सभा में यूपीए पर इस घोटाले को लेकर बड़ा हमला बोला था जिसपर अब कांग्रेस ने भी पलटवार किया है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने तीखा हमला बोलते हए कहा, कांग्रेस सरकार ने अगस्ता-वेस्टलैंड के खिलाफ जांच किया और उसे ब्लैक लिस्टेड कर सारी रकम वसूल की थी. लेकिन जब मोदी जी सत्ता में आए तो उन्होंने ऐसे लोगों को बचाया उन्हें फायदा पहुंचाया और इन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट से भी बाहर निकाल दिया.

मिशेल की वकील रोसमेरी पैत्रिजी डोस अंजोस के 17 जुलाई के बयान का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'मोदी सरकार और उसकी एजेंसियां मिशेल को अगस्ता वेस्टलैंड मामले में पूरी तरह आरोपमुक्त करने के बदले यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम की स्वीकोरोक्ति वाले फर्जी बयान पर हस्ताक्षर करने का दबाव बना रही थीं.'

सुरजेवाला ने कहा, 'यहां तक कि मिशेल की बहन भी सामने आई और क्रिश्चियन मिशेल को आरोपमुक्त करने के एवज में फर्जी तरीके से विपक्षी नेताओं के नाम लेने के लिए कहने की बात कही. उनका साक्षात्कार कई भारतीय टीवी चैनलों ने भी रिकार्ड किया.'

उन्होंने कहा, 'भारत के इतिहास में पहले कभी भी कोई प्रधानमंत्री विपक्षी नेताओं से बदला लेने के लिए झूठे साक्ष्य इकट्ठे करने में संलिप्त नहीं हुआ.'

3600 करोड़ रुपये के अगस्ता-वेस्टलैंड (AgustaWestland) हेलीकॉप्टर घोटाले में मिशेल की गिरफ्तारी और इसको लेकर जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने मोदी सरकार पर पलटवार करते हुए उनसे राफेल सौदे पर सफाई मांगने लगे. राहुल गांधी ने कहा, 'अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कांग्रेस पार्टी की जो कहना था वो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया जा चुका है. पीएम मोदी को बताना चाहिए कि उन्होंने राफेल सौदे के लिए अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपये क्यों दे दिए गए.'

सुरजेवाला ने कहा, 'इस साजिश का सबसे पहेलीनुमा भाग वह अज्ञात कारण है, जिसके तहत मोदी सरकार ने एक काली सूची में डाली गई कंपनी को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से मंजूरी दिलवा दी और कई भारतीय कॉरपोरेट में इसके सब-कांट्रेक्टर या साथी के रूप में इसके प्रवेश की इजाजत दे दी.'

सुरजेवाला ने कहा, "सिर्फ यहीं नहीं, बल्कि मोदी सरकार ने जुलाई 2014 में अपने महान्यायवादी से एक विशेष सलाह मांगी और अगस्तावेस्टलैंड/फिनमेक्के निका को मेक इन इंडिया का हिस्सा बनने और 100 नेवल यूटिलिटी हेलीकॉप्टर के लिए बोली लगाने की अनुमति दी थी. मोदी सरकार ने टाटा के साथ मिलकर एडब्ल्यू119 हेलीकॉप्टर के विनिर्माण के लिए एफआईपीबी के जरिए निवेश प्रस्ताव को भी मंजूरी दी."

खासबात यह है कि जिस वक्त यह सौदा हुआ था उस वक्त देश में यूपीए की सरकार थी और मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे. इस सौदे में कथित तौर पर बिचौलिये क्रिश्चिचन मिशेल के जरिए कुछ सराकरी अधिकारियों और मंत्रियों को सौदा हासिल करने के लिए रिश्वत देने का आरोप है.

वहीं राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान भी पीएम मोदी ने इस घोटाले और मिशेल की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा अगस्‍ता वेस्‍टलैंड घूसकांड का राजदार पकड़ में आ गया है, अब कोई नहीं बचेगा.इससे पहले विशेष अदालत के जज अरविंद कुमार की कोर्ट में मिशेल को पेश किया गया. सीबीआई ने मिशेल के 14 दिनों के हिरासत की मांग की थी. मिशेल के वकील ने विशेष अदालत से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की थी, लेकिन सीबीआई ने मिशेल को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अनुमति की मांग की थी.

बता दें कि अगस्ता-वेस्टलैंड (AgustaWestland) हेलीकॉप्टर सौदे मामले को लेकर इस कोर्ट में पहले से ही सुनवाई चल रही है. इसी कोर्ट में क्रिश्चियन माइकल, ग्यूडो हैशके और कार्लो गेरोसाके खिलाफ ग़ैर जमानती वारंट जारी किया था. इन तीन बिचौलिये की वजह से अगस्ता-वेस्टलैंड (AgustaWestland) हेलीकॉप्टर सौदा पक्का हुआ था.