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आलोक वर्मा को लेकर कांग्रेस ने की मांग, फिर से बहाल हों सीबीआई निदेशक

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एके पटनायक को एक अखबार को दिए गए बयान का जिक्र करते हुए सत्ताधारी पार्टी पर आलोक वर्मा को सीबीआई से हटाने में जल्दबाजी करने का आरोप लगाया.

Updated on: 12 Jan 2019, 11:59 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस ने शनिवार को आलोक वर्मा को दोबारा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक के रूप में बहाल करने की मांग की. कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में चयन समिति द्वारा आलोक वर्मा को सीबीआई से हटाया जाना सही मायने में इंसाफ (नेचुरल जस्टिस) से इनकार करना है. पार्टी ने कहा कि यह फैसला राफेल जांच को बाधित करने के लिए लिया गया है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एके पटनायक को एक अखबार को दिए गए बयान का जिक्र करते हुए सत्ताधारी पार्टी पर आलोक वर्मा को सीबीआई से हटाने में जल्दबाजी करने का आरोप लगाया.

पटनायक ने चयन समिति की बैठक का पर्यवेक्षण किया. सिंघवी ने एक प्रेसवार्ता में कहा, 'यह काफी गंभीर आवश्यक और महत्वपूर्ण है क्योंकि आखिरकार मसले वही हैं और इनमें परिवर्तन नहीं हुआ है लेकिन मसला यह है कि जनहित के महत्वपूर्ण विषय को छिपाने के लिए जल्दबाजी, बेताबी और जरूरत दिखाई गई. यह सरकार डरी हुई है और मेरा मानना है कि यह बहुत साफ है कि बहुत कुछ छिपाने की कोशिश की जारी है.'

इससे पहले पटनायक ने एक अखबार को बताया कि वर्मा के खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का सबूत नहीं था और समिति ने फैसला काफी जल्दबाजी में लिया.

राफेल की जांच से क्यों डरते हैं प्रधानमंत्री: केजरीवाल

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि आलोक वर्मा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक पद से इसलिए हटाया गया क्योंकि वह फ्रांस से राफेल विमान सौदा मामले की जांच करने जा रहे थे. आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने एक बयान में कहा, 'अगर प्रधानमंत्री ने कोई गलती नहीं की है तो राफेल की जांच चलने देने में क्या समस्या थी.'

उन्होंने कहा, 'अगर जांच होती तो सबकुछ बिल्कुल साफ हो जाता. डर किस बात की थी? इस तरह की शक्ति का इस्तेमाल करके किसी को जबरदस्ती उनके पद से हटाना देश के लिए अच्छा नहीं है. इससे पूरी व्यवस्था चरमरा जाएगी.'

केजरीवाल ने बताया कि मोदी ने पिछले चार साल के दौरान किस प्रकार सीबीआई और दिल्ली पुलिस को उनके और उनकी सरकार के खिलाफ अनेक बार लगाया.

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उन्होंने कहा, 'मुझे छापेमारी और जांच के घेरे में लाया गया. यही नहीं, मोदी सरकार ने अवैध तरीके से दिल्ली सरकार की 400 से अधिक फाइलें जब्त कर लीं. इन छापों से मैं बिल्कुल भयभीत नहीं हुआ और मैं जबकि एक भी पैसे के किसी गलत काम में संलिप्त नहीं था, फिर भी उन्होंने मुझे फंसाने की पूरी कोशिश की.'