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कांग्रेस का तंज- इटालियन चश्मे उतार बाबा केदारनाथ की भक्ति करते मोदी, राजनीति नहीं

उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावों से बौखलाई कांग्रेस ने कहा है कि उन्हें कम से कम भगवान शिव के दरबार में नम्रता दिखानी चाहिए थी।

Updated on: 20 Oct 2017, 07:23 PM

highlights

  • कांग्रेस बोली- मोदीजी, काश बुलगारी के इटालियन चश्मे उतार, राहुलजी की तरह 18 कि.मी चल बाबा की भक्ति करते
  • कांग्रेस ने कहा, पीठ दिखाकर भाषण देने वाले मोदीजी, आपने परंपरा व संस्कृति का अपमान किया
  • पीएम मोदी ने कहा था, कांग्रेस ने 2013 में केदारनाथ पुनर्निर्माण प्रस्ताव ठुकरा दिया था

नई दिल्ली:

उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावों से बौखलाई कांग्रेस ने कहा है कि उन्हें कम से कम भगवान शिव के दरबार में नम्रता दिखानी चाहिए थी।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'मोदीजी, काश भुनाने की राजनीति छोड़, बुलगारी के इटालियन चश्मे उतार, राहुलजी की तरह 18 कि.मी चल व विनम्र भाव से बाबा की भक्ति करते।'

उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'बाबा के मुख्य द्वार के सामने मंच सजाकर, पीठ दिखाकर भाषण देने वाले मोदीजी, आपने परंपरा व संस्कृति का अपमान किया है।'

कांग्रेस ने वर्ष 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ के बाद केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए बयान को लेकर उन पर अहंकारी होने का भी आरोप लगाया।

मोदी को आड़े हाथ लेते हुए सुरजेवाला ने पूछा, '2013 की विनाशकारी बाढ़ के बाद, क्या केवल मोदी ही उत्तराखंड के पुनर्निर्माण में सक्षम थे? क्या उस समय उत्तराखंड सरकार, लोगों और भगवान शिव के भक्तों द्वारा किए गए पुनर्निर्माण कार्य व्यर्थ हो गए? क्या 130 करोड़ लोगों में मोदी को छोड़ कोई भी केदारनाथ के पुनर्निर्माण के लिए सक्षम नहीं था?'

उन्होंने कहा, 'जब शासक अहंकारी हो जाता है, उसका पतन भी नजदीक आ जाता है।'

उन्होंने कहा, 'सच कहा है - सांच को आंच नहीं।' मोदीजी, बाबा सब जानते हैं। ईश्वर की शरण में बड़बोली बातों व जुमलों से गुरेज़ करना चाहिए।'

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सुरजेवाला ने कहा कि मोदीजी भूल गए की कांग्रेस ने केदारनाथजी मंदिर के पुजारियों के मकानों का निर्माण शुरू किया व घोड़े/खच्चर/तांगावालों को आजीविका शुरू करवाई।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 2013 में भयंकर बाढ़ के कारण बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए केदारनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के प्रस्ताव को तात्कालिक कांग्रेस सरकार द्वारा नकारे जाने को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस पर हमला बोला।

राज्य में 2013 में आई भंयकर बाढ़ के संदर्भ में मोदी ने कहा, 'तब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और उत्तराखंड में विनाश के बाद मदद की पेशकश करने के लिए आया था। मैंने उस वक्त के मुख्यमंत्री (विजय बहुगुणा) और राज्य सरकार के अधिकारियों से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान वे सहमत हो गए थे और मैंने बाहर आकर मीडिया में यह घोषणा कर दी।'

मोदी ने आरोप लगाया, 'लेकिन, जैसे ही यह खबर टीवी पर दिखाई जाने लगी और दिल्ली पहुंची, तो वहां के लोग (यूपीए सरकार) घबरा गए और चंद ही घंटों बाद राज्य सरकार पर दबाव डालकर यह घोषणा कराई गई कि केदारनाथ का पुनर्विकास वहां की सरकार खुद करेगी।'

मोदी ने कहा, 'जब इस साल उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार सत्ता में आई तो मैंने समझ लिया कि केदारनाथ के पुनर्विकास का काम हमारे द्वारा ही किया जाएगा।'

उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री बहुगुणा और कांग्रेस पार्टी ने जून 2013 में केदारनाथ के पुनर्विकास के मोदी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था और उनका 3 करोड़ रुपये का चेक भी वापस कर दिया था जो उन 2 करोड़ रुपये के अतिरिक्त था जो गुजरात ने राज्य में बारिश की आपदा से निपटने के लिए दान में दिया था।

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