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2019 के आम चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए राहुल बनें विपक्षी एकता की रीढ़: उमर अब्दुल्ला

2019 के आम चुनाव को नजदीक आता देख कर देश में बीजेपी से मुकाबले के लिए विपक्षी पार्टियों के बीच गठबंधन की कोशिशें तेज हो गई हैं।

Updated on: 29 Jul 2018, 11:37 PM

नई दिल्ली:

2019 के आम चुनाव को नजदीक आता देख कर देश में बीजेपी से मुकाबले के लिए विपक्षी पार्टियों के बीच गठबंधन की कोशिशें तेज हो गई हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने 2019 में बीजेपी को हराने केे लिए कांग्रेस को सफलता का मंत्र दिया है।

उन्होंने कहा कि अगर 2019 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को केंद्र से बेदखल करना है तो राहुल गांधी को सामने आकर विपक्षी दलों का नेतृत्व करना ही होगा।

उमर ने कहा, 'बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस को ही विपक्ष की धुरी बनना होगा। कई राज्यों में बीजेपी से सीधे मुकाबले में उसे ही सबसे ज्यादा सीटें लानी होंगी।'

उन्होंने कहा कि 272 सीटें लाने का कारनामा क्षेत्रीय पार्टियां नहीं कर सकती। अगर केंद्र में गैर-बीजेपी सरकार बनानी है तो कांग्रेस को अकेले कम से कम 100 सीटें लानी ही होंगी।

उमर ने क्षेत्रीय नेताओं की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि बीजेपी से मुकाबले के लिए कांग्रेस को विपक्षी एकता की रीढ़ बनना होगा। हालांकि क्षेत्रीय दलों को भी अपने-अपने राज्यों में मजबूत रहना होगा।

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राहुल पर उमर को पूरा भरोसा 

राहुल की नेतृत्व क्षमता के सवाल पर जवाब देते हुए उमर ने कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनाए जाने का उदाहरण दिया।

उन्होंने कहा, ' राहुल ने हाल के समय में काफी परिपक्वता दिखाई है। वह कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, अगर किसी को भी उनकी क्षमता पर सवाल उठाने का हक है तो वह कांग्रेस को है। अगर उनकी पार्टी को कोई समस्या नहीं है तो किसी और को क्यों होगी?'

उमर ने यह भी कहा कि राहुल के चेहरे पर चुनाव लड़ने को मुद्दा इसलिए बनाया जा रहा है ताकि विपक्षी एकता में सेंध लगाई जा सके।

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उमर की क्षेत्रीय पार्टियों से सहयोग को मजबूत करने की अपील

गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की कर संभावित गठबंधन पर चर्चा की थी।

उमर ने क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका पर कहा, 'बंगाल में ममता बनर्जी, बिहार में लालू यादव, यूपी में अखिलेश यादव और मायावती और तमिलनाडु में करुणानिधि और एमके स्टालिन बीजेपी को चुनौती देंगे। अपनी देशव्यापी उपस्थिति के साथ कांग्रेस इनका सहयोग करेगी और मिलकर लड़ाई को मजबूत करेगी।'

आपको बता दें कि 2019 के आम चुनावों के मद्देनजर विपक्ष बीजेपी के खिलाफ एकजुट तो हो रहा है लेकिन कई क्षेत्रीय पार्टियां यह नहीं चाहतीं कि कांग्रेस इसका नेतृत्व करे। क्षेत्रीय पार्टियां चाहती हैं कि वो गैर-कांग्रेस और गैर-बीजेपी धड़े का निर्माण कर चुनाव लड़ें।

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