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सऊदी अरब आतंकवाद पर रोक लगाने में भारत की जरूरतों के साथ: MEA

विदेश मंत्रालय से जब पूछा गया कि क्या सऊदी अरब ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया तो कहा गया कि इस समय ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है.

Updated on: 20 Feb 2019, 06:25 PM

नई दिल्ली:

भारत दौरे पर आए सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि दोनों नेताओं (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान) ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवाद और उनके संगठनों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के महत्व पर जोर दिया. विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान की भागीदारी को रेखांकित किया गया. वे (सऊदी क्राउन प्रिंस) पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने के लिए आवश्यक स्थितियां पैदा करने की जरूरतों पर सहमत हुए.

उन्होंने कहा, 'क्राउन प्रिंस ने मई 2014 से पाकिस्तान के साथ दोस्ताना संबंध रखने के लिए पीएम मोदी द्वारा व्यक्तिगत रूप से किए गए प्रयासों की सराहना की. दोनों पक्षों ने बातचीत शुरू करने के लिए आवश्यक स्थितियां पैदा करने की जरूरतों पर सहमति जताई.'

एमईए से जब पूछा गया कि क्या सऊदी अरब ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया तो उन्होंने कहा, 'इस समय ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है.'

इससे पहले क्राउन प्रिंस के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पुलवामा में 'बर्बर आतंकवादी हमला' आतंकवाद से मानवता को खतरे का एक अन्य साक्ष्य है. मोदी ने कहा, 'हम मानते हैं कि इससे प्रभावी तौर पर निपटने के लिए, ऐसे देशों पर हर संभव दबाव बनाने की जरूरत है, जो आतंकवाद को किसी तरह का समर्थन दे रहे हैं.'

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उन्होंने कहा कि आतंकवादी ढांचे को तबाह करना और आतंकवादियों व उनके समर्थकों को सजा देना बेहद जरूरी है. मोदी ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए एक कार्य योजना की जरूरत है ताकि आतंकवाद और हिंसा से जुड़ी ताकतें युवाओं को गुमराह न कर पाएं.

उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि भारत और सऊदी अरब की इस पर एक जैसी सोच है.' प्रिंस मोहम्मद ने अपनी टिप्पणी में कहा कि उनका देश आतंकवाद पर रोक लगाने की जरूरत में भारत के साथ है व इस उद्देश्य के लिए खुफिया जानकारी साझा करने के लिए तैयार है.