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अधिकारियों का तबादला नहीं कर पाने से दिल्ली सरकार शक्तिहीन: आप

आप सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दिल्ली सरकार शक्तिहीन है क्योंकि वह नौकरशाहों की तैनाती या तबादला नहीं कर पा रही है।

Updated on: 18 Jul 2018, 03:55 PM

नई दिल्ली:

उप राज्यपाल अनिल बैजल व दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के बीच चल रही खींचतान के बीच आप सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दिल्ली सरकार शक्तिहीन है क्योंकि वह नौकरशाहों की तैनाती या तबादला नहीं कर पा रही है।

दिल्ली सरकार के तरफ से पेश वकील व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने न्यायमूर्ति ए के सीकरी व न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की खंडपीठ से कहा कि यह एक जरूरी मुद्दा था और जल्द सुनवाई होनी चाहिए।

चिदंबरम ने कहा, 'आज दिल्ली सरकार शक्तिहीन है। हम अधिकारियों का तबादला या तैनाती नहीं कर सकते। संविधान पीठ के फैसले का क्या फायदा? यह एक जरूरी मुद्दा है।'

खंडपीठ ने मामले की सुनवाई को 26 जुलाई को तय कर दी क्योंकि उप राज्यपाल ने एक सप्ताह का समय मांगा।

आप सरकार ने संविधान पीठ के हालिया फैसले के मद्देनजर अपनी शक्तियों के विस्तार को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल सभी अपीलों के जल्द निस्तारण की मांग की है।

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प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर व डी वाई चंद्रचूड़ की तीन न्यायाधीशों वाली संवैधानिक खंडपीठ ने 4 जुलाई को फैसला सुनाया था कि उप राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर कार्य करने के लिए बाध्य हैं।

खंडपीठ ने यह भी फैसला दिया कि उपराज्यपाल के पास केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर कानून व्यवस्था, पुलिस और जमीन को छोड़कर किसी और मामले में कोई भी स्वतंत्र शक्ति नहीं है। दिल्ली सरकार के पास अन्य मुद्दों पर कानून बनाने और शासन करने की शक्तियां हैं।

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने अधिकारियों की तैनती व तबादले की सिफारिश वाली फाइलें बैजल को भेजीं। लेकिन, उपराज्यपाल ने ने यह कहते हुए कहा इसे रोक दिया कि सेवा विभाग से जुड़े मुद्दे पर अभी अदालत ने फैसला नहीं लिया है।

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