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ठंड से ठिठुरा पूरा उत्तर भारत, MP के पंचमढ़ी में 1 डिग्री तक पहुंचा तापमान

राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत इन दिनों कड़ाके की ठंड की चपेट में है. दिल्ली में भी लोगों को भीषण सर्दी का सामना करना पड़ा रहा है.

Updated on: 29 Dec 2018, 11:40 AM

नई दिल्ली:

राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत इन दिनों कड़ाके की ठंड की चपेट में है. दिल्ली में भी लोगों को भीषण सर्दी का सामना करना पड़ा रहा है. यहां का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है जबकि अधिकतम तापामान 21 डिग्री तक है. दिल्ली में ठंड और कोहरे की वजह से प्रदूषण का स्तर भी बेहद खराब हो चला है. लोगों को सांस लेने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बात अगर दूसरे राज्यों की करें तो महाराष्ट्र में इस बार ठंड ने 27 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. राज्य का न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री तक दर्ज किया गया है. नागपुर का न्यूनतम तापमान जहां 5.7 डिग्री है वहीं पुणे का तापमान 6.6 डिग्री तक दर्ज किया गया है. राज्य के महाबलेश्वर के वेन्ना तलाब के पास ओस की बूंदे तक बर्फ में तब्दील हो गई है.

उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है. राज्य के छह से अधिक शहरों में तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है. क्षेत्रीय मौसम कार्यालय ने बताया कि अगले तीन दिनों तक अत्यधिक ठंड रहेगी. हरिद्वार, ऋषिकेश और उधमसिंह नगर में शीतलहर का प्रकोप बढ़ने की संभावना है.

सर्दी का सितम मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी जारी है. हालत यह है कि कड़ाके की सर्दी ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है. तापमान काफी नीचे जा चुके हैं, और करीब 35 साल बाद राजधानी भोपाल का रिकॉर्ड टूटा है. जब कड़ाके की सर्दी ने लोगों पर अपना प्रकोप बरसाया है. इतना ही नहीं पंचमढ़ी में भी तापमान 1 डिग्री चला गया है, जिसके चलते मध्य प्रदेश के तमाम शहरों में शीत लहर तो चल ही रही है लेकिन अब मौसम विभाग ने मावठा पढ़ने की भी संभावना जताई है.

रद्द की गई ट्रेनों में महाबोधि एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस, हरिहर एक्सप्रेस व आनंद विहार-सियालदह एक्सप्रेस शामिल हैं. इससे पहले उत्तर रेलवे ने दिसंबर 2018 से फरवरी 2019 के बीच 48 ट्रेनों के रद्द किए जाने और 20 ट्रेनों के फेरों को कम करने की घोषणा की.

उत्तर भारत में बढ़ती सर्दी का असर सिर्फ दिल्ली नहीं बल्कि यूपी, बिहार, राजस्थान समेत कई इलाकों में हो रहे हैं. शीतलहर और न्यूनतम दृश्यता में कमी की वजह से कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है जबकि फ्लाइटें भी देरी से उड़ान भर रही है.