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मॉब लिंचिंग पर चीफ जस्टिस ने कहा, हाल के दिनों में बढ़ी हैं घटनाएं, सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज की खुद से जांच करें लोग

दीपक मिश्रा ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज की वजह से मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं और जिससे कई मामलों में भीड़तंत्र पनपता है और लोगों की जाने चली जाती हैं।

Updated on: 24 Jul 2018, 08:48 PM

नई दिल्ली:

देश में लगातार बढ़ती मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या) की घटनाओं पर भारत के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने लोगों सोशल मीडिया के प्रति आगाह किया है।

दीपक मिश्रा ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज की वजह से मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं और जिससे कई मामलों में भीड़तंत्र पनपता है और लोगों की जाने चली जाती हैं।

चीफ जस्टिस ने कहा, 'हाल के दिनों में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में भारी बढ़ोतरी हुई है। कृपया मुझे गलत न समझे क्योंकि मैंने इस पर फैसला लिखा था। सोशल मीडिया पर वायरल टेक्स्ट के कारण हाल में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं।'

दीपक मिश्रा ने कहा, 'सोशल मीडिया पर जबरदस्त भरोसा रखने वाले नागरिकों को खुद से मैसेज की जांच करनी होगी जिससे समाज में शांति और व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।'

बता दें हाल ही में राजस्थान के अलवर में 20 जुलाई को गो तस्करी के संदेह पर 28 वर्षीय अकबर खान की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी जिसके बाद देश भर में मॉब लिंचिंग पर बहस छिड़ गई है।

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हाल में सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार को मॉब लिंचिंग को लेकर अलग से कानून बनाने को कहा था ताकि इस अपराध में शामिल लोगों को सजा दी जाय।

सुप्रीम कोर्ट ने गोरक्षा के नाम पर देश में हो रही हिंसा के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कहा था कि भीड़तंत्र की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सोमवार को केंद्र सरकार ने दो उच्चस्तरीय कमेटी गठित की जो इन घटनाओं से निपटने और कानूनी ढांचा तैयार करने पर चार हफ्तों के अंदर अपना सुझाव देगी।

गौरतलब है कि पिछले चार महीने में व्हाट्सएप के जरिये फैले अफवाहों के आधार पर देश के अलग-अलग हिस्सों में भीड़ ने 25 से ज्यादा जानें ले ली है।

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