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नागरिकता संशोधन विधेयक का पूर्वोत्तर की 11 पार्टियों ने किया विरोध, रद्द करने की मांग की

पूर्वोत्तर की 11 राजनीतिक पार्टियां मंगलवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 के खिलाफ एकजुट हुईं और केंद्र सरकार से इसे रद्द करने की अपील करने का फैसला किया.

Updated on: 29 Jan 2019, 04:42 PM

नई दिल्ली:

पूर्वोत्तर की 11 राजनीतिक पार्टियां मंगलवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 के खिलाफ एकजुट हुईं और केंद्र सरकार से इसे रद्द करने की अपील करने का फैसला किया. सिक्किम को छोड़कर अन्य सात पूर्वोत्तर राज्यों की पार्टियों ने दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लिया. यहां एकमत होकर इस विधेयक का विरोध करने का फैसला किया, जिसमें बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के छह गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

सम्मेलन के संयोजक मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि ये पार्टियां इस विधेयक को रद्द करने की मांग के साथ एक प्रतिनिधिमंडल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए भेजेंगी. उन्होंने कहा कि इससे 'राज्य के स्थानीय लोगों की जिंदगियों और पहचान को खतरा है.

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यह विधेयक लोकसभा में आठ जनवरी को पारित किया गया था.

हाल ही में असम के प्रसिद्ध आरटीआई कार्यकर्ता और कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के अध्यक्ष अखिल गोगोई ने रविवार को कहा कि अगर असम के लोगों को उचित सम्मान नहीं दिया जाता है और नागरिकता संशोधन बिल पारित हो जाता है तो हमें सरकार को यह कहने का साहस दिखाना चाहिए कि हम भारत में नहीं रहने पर विचार कर सकते हैं.