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डोकलाम पर अपने वादे से मुकरने लगा चीन, पीछे नहीं हट रहे चीनी सैनिक

चीन डोकलाम विवाद को लेकर किए गए वादे से पीछे हटता नजर आ रहा है। चीन ने इस इलाके में फिर से सड़क निर्माण शुरू कर दिया है। साथ ही इस इलाके में चीनी सेना की मौजूदगी ने चीन की मंशा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Updated on: 06 Oct 2017, 11:52 PM

highlights

  • चीन डोकलाम विवाद को लेकर किए गए वादे से पीछे हटता नजर आ रहा है
  • चीन ने इस इलाके में फिर से सड़क निर्माण शुरू कर दिया है
  • साथ ही इस इलाके में चीनी सेना की मौजूदगी ने चीन की मंशा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं

नई दिल्ली:

बीजिंग में होने वाली ब्रिक्स देशों की बैठक से पहले भारत और चीन के अपनी-अपनी सेनाएं हटाए जाने की सहमति की घोषणा के साथ ही डोकलाम विवाद खत्म हो गया था। 

लेकिन चीन इस विवाद को लेकर किए गए वादे से पीछे हटता नजर आ रहा है। चीन ने इस इलाके में फिर से सड़क निर्माण शुरू कर दिया है। साथ ही इस इलाके में चीनी सेना की मौजूदगी ने चीन की मंशा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हालांकि जिस जगह पर चीनी सैनिकों ने सड़क निर्माण का काम शुरू किया है, वह विवादित जगह से करीब 10 किलोमीटर दूर है।

हालांकि सहमति के बावजूद चीनी सैनिकों का चरणबद्ध तरीके से पीछे हटने की बजाए इस इलाके में बने रहना, चीन की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है। इससे पहले भारत, भूटान और चीन के बीच डोकलाम में चीनी सैनिकों के सड़क निर्माण पर भारत ने आपत्ति जताते हुए इसे रोक दिया था।

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इसके बाद दोनों देशों के बीच 75 दिनों तक सैन्य गतिरोध की स्थिति बनी रही।

इस बीच ऐसे कई मौके आए जब लगा कि दोनों देशों के बीच सीमित युद्ध हो सकता है लेकिन अचानक ही दोनों देशों ने अपनी-अपनी सेना को हटाने का फैसला लिया। भारतीय विदेश मंत्रायल के बयान के बाद चीनी विदेश मंत्रायल के बयान ने अटकलों को जन्म दिया था।

भारत ने जहां कहा था कि दोनों देशों के बीच अपनी-अपनी सेनाएं हटाने पर सहमति बन गई है, वहीं चीन ने कहा है कि भारतीय सेनाएं डोकलाम से हटी हैं और चीनी सेनाएं वहां गश्त जारी रखेंगी।

उस वक्त भी यह भी स्पष्ट नहीं हो सका था कि इलाके में चीन द्वारा सड़क निर्माण पर क्या समझौता हुआ है। उल्लेखनीय है कि 16 जून को इलाके में चीनी सेना द्वारा सड़क बनाए जाने को लेकर ही यह विवाद शुरू हुआ था।

ब्रिक्स में बनी थी सहमति

इसके बाद बीजिंग में हुई ब्रिक्स की बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भविष्य में डोकलाम जैसी घटनाओं से बचने पर सहमति जताई थी।

इसके साथ ही चीन ने कहा था कि वह भारत के साथ 'पंचशील के सिद्धांतों' के मुताबिक काम करने को तैयार है। चीन के इस बयान के बाद माना गया था कि डोकलाम विवाद के मामले में भारत कूटनीतिक बढ़त बनाने में सफल रहा लेकिन अब स्थिति बदलती नजर आ रही है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चीन डोकलाम विवाद के समाधान के बाद इस इलाके में अपने सैनिकों की तैनाती को लगातार बढ़ा रहा है। भारतीय वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ भी इस इलाके में चीनी सैनिकों के होने की पुष्टि कर चुके हैं।

धनोआ ने कहा, 'विवाद के दौरान दोनों पक्षों के बीच कोई संघर्ष नहीं हुआ लेकिन अभी भी उनकी सेना चुंबी घाटी में मौजूद है।' धनोआ ने हालांकि उम्मीद जताई कि चीन जल्द ही इस इलाके से अपने सैनिकों को वापस बुला लेगा।

गौरतलब है कि डोकलाम को लर चीन और भूटान के बीच सीमा विवाद है। चीन इस इलाके को अपना मानता है लेकिन भारत इस इलाके पर भूटान के दावे को मान्यता देता है।

विवाद के समाधान के बाद भारतीय आर्मी चीफ भी चीन के साथ संभावित युद्ध की आशंका जताते हुए एक साथ 'ढ़ाई मोर्चे' पर लड़ने की बात कह चुके हैं। आर्मी चीफ के बाद वायुसेना प्रमुख भी ऐसी आशंका जाहिर कर चुके हैं।

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