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चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइल DF-17 का किया सफल परीक्षण, भारत की बढ़ सकती है चिंता

अखबार के मुताबिक चीन ने हाइपरसॉनिक बैलिस्टिक मिसाइल का सफल प्रक्षेपण कर लिया है जिसकी जद में भात और अमेरिका दोनों होगा।

Updated on: 02 Jan 2018, 10:07 PM

highlights

  • चीन की हाइपरसोनिक मिसाइल की जद में भारत
  • इस मिसाइल के जरिए सैन्य अड्डे और परमाणु रिएक्टर्स को निशाना बना सकता है चीन

नई दिल्ली:

चीनी अखबार साउथ चाइना मार्निंग में मंगलवार को छपी खबर ने जापान सहित अमेरिका और भारत की नींदे उड़ा दी है। अखबार के मुताबिक चीन ने हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का सफल प्रक्षेपण कर लिया है जिसकी जद में भारत और अमेरिका दोनों होंगे।

टोक्यो के डिप्लोमैट मैगजनी ने बीते साल के अंत में ही चीन के ऐसे प्रक्षेपण की जानकारी दी थी। अमेरिकी खुफिया एंजेसी के हवाले से द डिप्लोमैट मैगजीन में दावा किया गया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने DF-17 मिसाइल को दो बार परीक्षण किया था और यह हर बार सफल रहा।

चीन इसे साल 2020 तक सेना में शामिल करने की तैयारी में है। हालांकि चीनी विदेश मंत्रालय ने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया और रक्षा मंत्रालय से संपर्क करने की सलाह दे डाली।

इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है बाकी बैलिस्टिक मिसाइल के मुकाबले इसके वॉरहेड का तेजी से कम ऊंचाई वाले और ट्रैक न किए जाने वाले इलाके में हमला करना और दुश्मन देश का इसे ट्रैक नहीं कर पाना।

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साउथ मॉर्निंग पोस्ट में छपे आर्टिकल्स में लिखा गया है कि DF-17 टेस्ट मिसाइल जिउक्वॉन सेंटर से लॉन्च किया गया और ट्रायल के दौरान इसने 1400 किलोमीटर तक उड़ान भरी।

चीन के रक्षा विशेषज्ञ के मुताबिक पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइल की तुलना में एचजीवी को मार गिराना ज्यादा कठिन है। जानकारों के मुताबिक चीन के एचजीवी टेक्नॉलजी से भारत को भी चिंतित होने की जरूरत है क्योंकि सैन्य अड्डे और परमाणु रिएक्टर्स सीधे इसके जद में होंगे।

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