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छत्तीसगढ़: नक्सलियों के गढ़ में खुला पहला थिएटर, आदिवासियों ने देखी यह फिल्म

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ क्षेत्र के बासिंग गांव में पहला थिएटर खोला है तथा इस पिछड़े क्षेत्र में और ऐसी सुविधाएं विकसित करने की योजना है।

Updated on: 30 Sep 2018, 09:43 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाकों में भले ही संचार की व्यवस्था न के बराबर हो लेकिन मनोरंजन की जरूरत यहां भी उतनी है जितनी किसी सामान्य इलाके के लोगों को होती है. नक्सल प्रभावित इलाकों में से एक अबूझमाड़ क्षेत्र में लोगों की इसी जरूरत को देखते हुए अब इस क्षेत्र में एक मिनी थिएटर खोला गया है जिसमें यहां के आदिवासी लोग फिल्में देख सकते हैं. सरकार का कहना है कि यह पहल लोगों को बाहरी दुनिया से जोड़ने के लिए की गई है.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ क्षेत्र के बासिंग गांव में पहला थिएटर खोला है तथा इस पिछड़े क्षेत्र में और ऐसी सुविधाएं विकसित करने की योजना है.

नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने कहा कि इस मिनी थिएटर का बृहस्पतिवार को उद्घाटन किया गया और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘बाहुबली’ देखने के लिए वहां पहुंचे.

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उन्होंने कहा, ‘दरअसल विचार अबूझमाड़ के आदिवासियों को बाहरी दुनिया से जोड़ने का है जिससे वे काफी हद तक माओवादियों गतिविधियों की वजह से अनजान हैं.’

उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के साथ चर्चा के बाद 100 सीटों वाले इस थिएटर का नाम ‘बासिंग सिलेमा’ रखा गया जिसका मतलब गोंडी बोली में ‘बासिंग सिनेमा’ होता है. इस थिएटर में लोग मुफ्त में सिनेमा देख सकते हैं.

विभिन्न आदिम आदिवासियों के क्षेत्र अबूझमाड़ में टेलिविजन और मोबाइल करीब-करीब नहीं हैं. सप्ताह में एक-एक बार हॉट बाजार लगता है. इसे छोड़कर लोगों को मनोरंजन का कोई साधन मयस्सर नहीं है.

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एसपी ने कहा कि नारायणपुर शहर में भी कोई सिनेमाघर या थिएटर नहीं है.

फिल्मों के अलावा, ग्रामीण अब डायरेक्ट टू होम के माध्यम से बड़े पर्दे पर टेलिविजन चैनल देख पायेंगे. योजना फिल्मों, कृषि, शिक्षा, खेलकूद और राष्ट्रभक्ति पर डॉक्युमेंट्री दिखाने की है.