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SC की संवैधानिक पीठ को प्रेजेंटेशन देगा UAIDAI, आधार की संवैधानिक वैधता की सुनवाई कर रहा कोर्ट

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के सीईओ को अदालत में आधार कार्ड पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन पेश किए जाने की अनुमति मांगी है।

Updated on: 21 Mar 2018, 02:22 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ को पावर प्वाइंट प्रेंजेटेशन देगा UIDAI
  • आधार कार्ड की संवैधानिकता की सुनवाई कर रहा है सुप्रीम कोर्ट का संवैधानिक पीठ 

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के सीईओ को अदालत में आधार कार्ड पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन पेश किए जाने की अनुमति मांगी है।

केंद्र ने कहा है कि इस पावर प्वाइंट प्रेजेंटशन की मदद से कोर्ट को आधार से जुड़ी शंकाएं दूर करने में मदद मिलेंगी।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में पांच जजों की संवैधानिक पीठ आधार कार्ड की संवैधानिकता की जांच कर रही है। सीजेआई मिश्रा ने कहा कि वह अन्य जजों के साथ बातचीत कर प्रेजेंटेशन की तारीख तय की जाएगी।

बेंच ने कहा कि आधार योजना को लेकर कई तकनीकी पहलू हैं, जिसमें सर्विलांस, डेटा की सुरक्षा और कुछ लोगों को इसके दायरे से बाहर करना शामिल है।

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने इस मामले में केंद्र की पैरवी करते हुए कहा कि तकनीकी पहलू को यूआईडीएआई के चीफ ज्यादा आसानी से समझा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि संविधान में मौजूद मौलिक अधिकार के दो पहलू हैं। पहला खाने के अधिकार, शिक्षा के अधिकार जैसे अधिकारों से जुड़ा हुआ है जबकि दूसरा अधिकार निजता के अधिकार से जुड़ा मामला है।

उन्होंने कहा कि अब सवाल यह है कि इन दोनों में से कौन से अधिकार को दूसरे पर तरजीह दी जानी चाहिए।

गौरतलब है केंद्र सरकार ने आधार लिंकिंग मामले में 31 मार्च 2018 की डेडलाइन तय की थी लेकिन अब इसे अनिश्चितकाल तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

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